राष्ट्रद्रोह का केस सिर्फ कमलनाथ जी पर नहीं मौतों की सच्चाई बताने वाले हर एक व्यक्ति पर हो- जीतू पटवारी

 Jeetu Patwari
प्रतिरूप फोटो
दिनेश शुक्ल । May 22 2021 6:29PM

सिर्फ इंदौर के शमशान घाट से एकत्र किए आंकड़ो में ही 30 हजार के आसपास हुई मौत का आंकड़ा है तो पूरे प्रदेश में कितनी मौतें हुई होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि इंदौर तो प्रदेश का सबसे अधिक कोरोना संक्रमित शहर है। माननीय गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी को बयान देने से पहले सच की जांच कर लेनी चाहिए

भोपाल। राष्ट्र द्रोह का केस सिर्फ माननीय कमलनाथ जी पर नहीं, बल्कि सभी कांग्रेसियों, उन मीडियाकर्मियों जिन्होंने कोरोना से हुई मौतों का सच दिखाया तथा छापा और जिन लोगों के परिजनों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उन पर भी होना चाहिए। यह बात मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि माननीय कमलनाथ जी ने मार्च-अप्रैल में कोरोना से 01 लाख से ज्यादा मौतें होने की जो बात कही जिससे प्रदेश की बौखलाई सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज करने की बात कह रहे है।हजारों "हत्याओं" के बाद भी शिवराज सरकार की बेशर्मी भाजपा की सरकार की सोच बताती है। उन्होंने कहा कि यदि कमलनाथ जी की बात गलत है,

तो मुझ पर भी मामला दर्ज किया जाए जिसके लिए मैं तैयार हूं।  

 

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कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा की माननीय मुख्यमंत्री जी के इंदौर दौरे के दौरान मैंने उन्हें इंदौर और राउ विधानसभा क्षेत्र में हुई मौत के आंकड़े बताए थे, यह आंकड़े यहां के शमशानों और कब्रिस्तानों के रजिस्टर में दर्ज किए गए अंत्येष्ठि के थे, जो खुद अपने आप मे प्रमाण है। इसके बाबजूद भी अगर शिवराज सरकार प्रदेश में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को झुठलाकर कमलनाथ जी पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज करना चाहती है तो उसे उन सभी मीडियाकर्मियों, अखबारों और इन आंकड़ों की सच्चाई बताने वालों पर भी राष्ट्रद्रोह का केस  करना होगा। 

 

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जीतू पटवारी ने कहा कि जब सिर्फ इंदौर के शमशान घाट से एकत्र किए आंकड़ो में ही 30 हजार के आसपास हुई मौत का आंकड़ा है तो पूरे प्रदेश में कितनी मौतें हुई होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि इंदौर तो प्रदेश का सबसे अधिक कोरोना संक्रमित शहर है। माननीय गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी को बयान देने से पहले सच की जांच कर लेनी चाहिए कि  प्रदेश को उनकी सरकार ने कैसे मौतों का प्रदेश बना दिया है। क्या  भाजपा सरकार के स्वर्णिम मध्य प्रदेश की यही सच्चाई है, जहाँ आपदा के दौरान न जीवन रक्षक दवाईयां मिली, न ऑक्सीजन मिली, न अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर मिले बल्कि इनके नेता और कार्यकर्ता आपदा में अवसर ढूढ़ते मिल रहे है। इंदौर में रेमदेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजरी में जिस तरह से इनकी पार्टी में आयातित नेताओं के सम्पर्क वाले लोगों से तार जुड़ रहे है वह सच्चाई किसी से छुपी नहीं है। अब यही आपदा में अवसर तलाशने वाले लोग मौतों की सच्चाई से मुँह छिपाते घूम रहे है। जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जी किसी वरिष्ठ नेता पर टिप्पड़ी करने से पहले अपने गिरेवान में झांक के देख लिया करें क्योंकि आपकी पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को लोग भली भांति समझ चुके है।

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