राज्यसभा चुनाव पर कोरोना महामारी का साया, सिंधिया-दिग्विजय सहित कई दिग्गजों का बढ़ा इंतजार

Rajya Sabha election
अंकित सिंह । Mar 25 2020 4:02PM

राज्य सभा के लिए महाराष्ट्र में रिक्त हो रही सात सीटों, तमिलनाडु में छह, बिहार और पश्चिम बंगाल पांच-पांच सीटों, ओडिशा में चार, हरियाणा एवं असम में तीन-तीन, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में दो-दो और हिमाचल प्रदेश में एक सीट पर उम्मीदवारों को संबद्ध निर्वाचन अधिकारियों ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया था।

कोरोना वायरस का असर राज्यसभा चुनाव पर भी पड़ा है। 26 मार्च को राज्यसभा के लिए चुनाव होने थे। राज्यसभा की 55 सीटों के लिए चुनाव का ऐलान किया गया था जिसमें से 37 सीटों पर प्रत्याशियों ने निर्विरोध चुनान जीत लिया। 26 मार्च को राज्यसभा की बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान होने थे। लेकिन कोविड 19 की वजह से इसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से राज्यसभा चुनाव के मतदान को टालने का फैसला किया गया। चुनाव आयोग का कहना है कि वर्तमान में देश के हालात ठीक नहीं है। ऐसे में अगर चुनाव होता है तो मतदान सेंटर पर एजेंट से लेकर वोटरों तक का जमावड़ा लग सकता है जो कि कोरोनावायरस से निपटने में संकट खड़े कर सकता है। वर्तमान में हमें राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए इकट्ठा होने से बचना होगा और यही वजह है कि चुनाव को टाला जा रहा है।

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जिन लोगों को निर्विरोध चुना गया था उनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और उच्च सदन के उपसभापति हरिवंश हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र से शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, एआईएडीएमके नेता और लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई, जीके वासन, प्रख्यात अधिवक्ता केटीएस तुलसी और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए। लेकिन अब ऐसा लगता है कि बचे हुए 18 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होने में देरी हो सकता है। इसका मुख्य कारण भारत में बढ़ते कोरोनावायरस का प्रकोप है। राज्य सभा के लिए महाराष्ट्र में रिक्त हो रही सात सीटों, तमिलनाडु में छह, बिहार और पश्चिम बंगाल पांच-पांच सीटों, ओडिशा में चार, हरियाणा एवं असम में तीन-तीन, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में दो-दो और हिमाचल प्रदेश में एक सीट पर उम्मीदवारों को संबद्ध निर्वाचन अधिकारियों ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया था। नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद ये घोषणाएं की गई थी। हर दो साल पर होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन भरने की अंतिम तारीख 13 मार्च थी।

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अब जिन 55 में से 18 सीटों पर मतदान होना था उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश के चार-चार सीटें, राजस्थान और मध्यप्रदेश की 3-3, झारखंड में दो और मणिपुर व मेघालय की 1-1 सीटें शामिल हैं। गुजरात की 4 राज्यसभा सीटों पर 5 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। भाजपा की ओर से अभय भारद्वाज, रमीला बेन बारा और नरहरी अमीन को मैदान में उतारा गया। उधर कांग्रेस ने भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल का फॉर्म भरवाया है। बात राजस्थान की करें तो 3 सीटों पर 4 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने गोपाल गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतारा है। राजस्थान में कांग्रेस अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत को लेकर निश्चिंत हैं लेकिन निर्दलीय और अन्य पार्टियों में तोड़फोड़ के इरादे से भाजपा ने 2 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं।

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मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच महाभिड़ंत है। प्रदेश की 3 सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया तथा भाजपा की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी आमने-सामने है। पहले गणित कांग्रेस के पक्ष में लग रहा था लेकिन अब यह भाजपा के पक्ष में आ गया है। राजसभा चुनाव के टल जाने से कुछ बड़े नामों पर संशय बरकरार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, के सी वेणुगोपाल और शक्ति सिंह गोहिल को लेकर असमंजस बरकरार रहेगा। फिलहाल चुनाव आयोग की माने तो तारीखों का ऐलान बाद में किया जाएगा।

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