समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग वाली याचिका पर अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

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[email protected] । May 31 2019 5:54PM

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। पेशे से वकील उपाध्याय ने याचिका में दलील दी है कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू करने में नाकाम रही है।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एकता, बंधुत्व और राष्ट्रीय अखंडता को बढ़ावा देने के लिए समान नागरिक संहिता की मांग करने वाली याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने गृह मंत्रालय और भारतीय विधि आयोग को भी नोटिस जारी कर मामले पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी है।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। पेशे से वकील उपाध्याय ने याचिका में दलील दी है कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू करने में नाकाम रही है।

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समान नागरिक संहिता विभिन्न धार्मिक समुदायों के धर्मग्रंथों और रीति-रिवाजों पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों की जगह लेगा। याचिका में कहा गया कि गोवा में 1965 से समान नागरिक संहिता लागू है, जो उसके सभी निवासियों पर लागू होता है। यह इस मायने में एकमात्र राज्य है।

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