मानसिक रूप से डेड मधुस्मिता ने खुद मर कर दिया तीन लोगों को जीवनदान

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[email protected] । Nov 20 2018 1:03PM

दिमागी तौर पर मृत घोषित की जा चुकी एक लड़की का लीवर और किडनी यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में तीन अन्य मरीजों में प्रतिरोपित किए गए।

कोलकाता। दिमागी तौर पर मृत घोषित की जा चुकी एक लड़की का लीवर और किडनी यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में तीन अन्य मरीजों में प्रतिरोपित किए गए। एक चिकित्सक ने बताया कि सोमवार को 13 वर्षीय मधुस्मिता बायेन के अंग 170 किमी की दूरी तय कर दो घंटे में वर्द्धमान पश्चिम जिले से कोलकाता सड़क मार्ग से लाए गए। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। मधुस्मिता की किडनी अभिषेक मिश्रा और मिथुन दलाल को लगाई गईं जबकि लीवर संजीत बाला को प्रतिरोपित किया गया। बांकुरा जिले के मेजिया की रहने वाली मधुस्मिता कुछ दिन पहले कोमा में चली गई थी। शनिवार को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। उसके कॉर्निया आई बैंक में रखे गये हैं। उसके माता-पिता ने कहा कि उन्होंने बेटी के अंगदान का फैसला इसलिए लिया ताकि दूसरों को जीवन मिल सके और उनकी बेटी इस रूप में जीवित रहे। ब्रेन डेड घोषित किये के बाद मधुस्मिता के परिजनों ने लिया अंगदान करने का फैसला। 

जटिल बीमारी से पीड़ित थी मधुस्मिता 

बांकुड़ा जिला के मेजिया ताप विद्युत केंद्र में सीआइएसएफ कर्मचारी  दिलीप बाइन की छोटी बेटी मधुस्मिता जटिल मस्तिष्क रोग से पीड़ित थी। घर में सिर में चक्कर आने की वजह से गिर जाने पर गत 12 नवंबर को उसे दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 16 नवंबर को चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद अभिभावकों ने उसका अंगदान करने का निर्णय लिया। पिता दिलीप बाइन ने कहा कि बेटी को मिर्गी की तरह अजीबोगरीब बीमारी थी। उसके दिमाग का विकास नहीं हो पाया था। उपचार कराने पर भी  हालत नहीं सुधरी। चिकित्सकों और साथियों के कहने पर ब्रेन डेड के बाद हम अंगदान के लिए तैयार हुए।

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