जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग, SC करेगा सुनवाई

[email protected] । Jul 22 2016 2:45PM

उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर में राज्य के संविधान के एक प्रावधान के तहत वहां राज्यपाल शासन लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है।

उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, राज्य के संविधान के एक प्रावधान के तहत वहां राज्यपाल शासन लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी की ओर से दायर याचिका को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया जाए। याचिका को जेकेएनपीपी के वकील ने पीठ के समक्ष रखा। वकील ने कहा कि जम्मू कश्मीर ‘‘पिछले दो सप्ताह से सुरक्षा बलों और पुलिस की गिरफ्त में हैं, जिसके कारण पूरी कश्मीर घाटी में पूर्ण अराजकता, अव्यवस्था और उथल पुथल का माहौल है।’’

वकील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया जाना चाहिए। याचिका में यह अपील भी की गई कि राज्यपाल को यह निर्देश दिया जाए कि वह ‘‘अपने कर्तव्यों का पालन और संचालन करने में विफल रही’’ जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दें।

इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमएल कलीफुल्ला और न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर भी थे। उन्होंने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि उन्होंने इसके हल के लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय से क्यों संपर्क नहीं किया? वकील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ‘‘बंद है’’ और वे कहीं और नहीं जा सकते। याचिका में कहा गया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अफरा-तफरी का माहौल है और वहां कोई लोक व्यवस्था नहीं है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘वहां वाकई बंदूक का शासन है और घाटी में लोगों की पहुंच पानी और दवा की दुकानों तक भी नहीं है।’’ इसमें आरोप लगाया गया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में लोगों को उनके घरों के अंदर भोजन, दवाओं और अन्य इंसानी जरूरियात के सामान के बिना रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।’’

इस याचिका में अपील की गई कि जम्मू्-कश्मीर के राज्यपाल को निर्देश दिए जाएं कि वह राज्य के संविधान की धारा 92 के तहत हस्तक्षेप करें और भारतीय नागरिकों और उनके मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा के लिए राज्य का प्रशासन अपने हाथों में लें।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़