वृद्धों को बुझी हुई ताकत नहीं समझा जाना चाहिए: प्रणब मुखर्जी

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[email protected] । Oct 1 2018 6:20PM

उन्होंने इस मौके पर एकत्रित करीब 200 वृद्धों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार, सिविल सोसायटी, कोरपोरेट, शैक्षणिक संस्थान, मीडिया और सबसे ऊपर समाज को इस वर्ग की जरुरतों के महत्व को समझने की आवश्यकता है।’

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत आज जो कुछ भी है, वह अपने वरिष्ठजनों के योगदान की वजह से है तथा वृद्धों को ‘बुझी हुई ताकत’ नहीं समझा जाना चाहिए तथा उन्हें बीता हुआ कल नहीं मान लिया जाना चाहिए। मुखर्जी ने हेल्पएज इंडिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के वृद्धों से जुड़े मुद्दों को मुख्य धारा में लाने की सख्त जरुरत है।

उन्होंने इस मौके पर एकत्रित करीब 200 वृद्धों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार, सिविल सोसायटी, कोरपोरेट, शैक्षणिक संस्थान, मीडिया और सबसे ऊपर समाज को इस वर्ग की जरुरतों के महत्व को समझने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धों को बुझी हुई ताकत नहीं समझा जाना चाहिए और उन्हें बीता हुआ कल नहीं मान लिया जाना चाहिए बल्कि उन्हें समाज का सक्रिय सदस्य माना जाना चाहिए जिनका समाज के कल्याण में योगदान रहा है।’’ 

मुखर्जी ने कहा कि यदि एक तरफ युवाओं में ऊर्जा है तो दूसरी तरफ वृद्धों के पास ज्ञान और अनुभव है और बस उन्हें मौके की जरुरत है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज जो कुछ है, वह इन बुर्जुगों के योगदान की वजह से है।’’ पूर्व राष्ट्रपति ने उन लोगों को पुरस्कार भी दिया जिन्होंने समाज के कल्याण में विशिष्ट योगदान दिया।

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