मध्य प्रदेश में किसान खून के आंसू रो रहा है और प्रदेश का मुख्यमंत्री ग्लिसरीन के आंसू बहा रहा है- एन.पी.प्रजापति

N.P. Prajapati
दिनेश शुक्ल । Aug 29 2020 8:25PM

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने कहा कि शिवराज जी ने पिछले साल बैरसिया विधानसभा में सरकार से सोयाबीन फसल बर्बाद होने पर 40 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की थी। अब वह सरकार में हैं, अब वह इधर-उधर की बात क्यों कर रहे है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल बर्बादी के बाद किसानों को लेकर सियासत शुरू हो गई है। शनिवार को विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने भोपाल में पत्रकार वार्ता कर कहा कि मध्य प्रदेश में किसान इस समय खून के आंसू रो रहा है और प्रदेश का मुख्यमंत्री ग्लिसरीन के आंसू बहा रहा है। प्रजापति ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की जब प्रदेश में मक्का की बंपर पैदावार हो रही है। तब मोदी सरकार ने मक्का पर आयात शुल्क 60 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया और 50 लाख टन मक्का आयात करने की अनुमति दे दी है। शिवराज सिंह चौहान अगर किसानों के हितेषी हैं तो केंद्र सरकार को मक्का आयात करने से क्यों नहीं रोकते और किसानों को मारना ही चाहते हैं तो ग्लिसरीन के आंसू बहाना बंद करें।

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री को दिख रहा सिर्फ आपदा में अवसर, मध्य प्रदेश में हो रही यूरिया की कालाबाजारी

उन्होंने कहा कि पहले तो पीछे के रास्ते, जनादेश के खिलाफ, लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता की भूख मिटाने बीजेपी ने प्रदेश की जनता के मत के साथ विश्वासघात किया और अब किसानों को खून के आंसू रुला रही है। पहले कमलनाथ सरकार द्वारा की गई किसान ऋण माफी की तीसरी किस्त न देकर इसे कृषि मंत्री कमल पटेल कलंक बता रहे है और किसान कर्ज माफी को भ्रष्टाचार बता रहे हैं, वे राहुल गांधी और कमलनाथ जी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले थे क्या हुआ क्यों नहीं करवा रहे। उन्हें तो शिवराज सिंह चैहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहिए। कमलनाथ जी तो किसान कर्जमाफी का प्रमाण दे चुके, मैनें ग्वालियर में पेनड्राइव में किसान कर्जमाफी के सबूत दिए है। अब भी अगर शंका हो तो सरकार में हैं, रिकॉर्ड चैक करवा लें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 26 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया हैं, इसका गवाह खुद किसान है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने कहा कि शिवराज जी ने पिछले साल बैरसिया विधानसभा में सरकार से सोयाबीन फसल बर्बाद होने पर 40 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की थी। अब वह सरकार में हैं, अब वह इधर-उधर की बात क्यों कर रहे है। मैं शिवराज जी से कहना चाहता हूं कि शिवराज जी आप इधर-उधर की बात न करो ये बताओ सोयाबीन का 40 हजार प्रति हेक्टेयर मुआबजा कब दोगे। प्रजापति ने शिवराज सिंह को याद दिलाते हुए कहा कि आप सड़कों पर उतरने वाले थे, किसानों को सोयाबीन के 40 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिलवाने के लिए, लेकिन अब आप सरकार में हैं, आप किसानों को मुआवजा क्यों नहीं दे रहे हैं?

इसे भी पढ़ें: प्रदेश में फिर आयी किसान विरोधी सरकार: कमलनाथ

प्रजापति ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि आपके कहे अनुसार ही आप सोयाबीन की बर्बाद फसल का मुआबजा दें, ताकि अन्नदाता किसान की कुछ तो दिक्कत कम हो। आज किसान यूरिया खाद की कालाबाजारी से परेशान, बिजली के बढ़े हुए बिलों से परेशान है शिवराज जी, किसान खून के आंसू न रोए तो आखिर क्या करे। शिवराज जी, अगर किसानों को सोयाबीन का मुआबजा नहीं मिला तो आप तो सड़क पर नहीं उतरे थे, लेकिन कांग्रेस जरूर उतरेगी। एन.पी. प्रजापति ने आरोप लगाया कि यह सरकार इन्वेस्टमेंट से बनी है, इसलिए पूरी तरह केवल वसूली, भ्रष्टाचार, लूट मारी में लगी है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी बताएं कि किसानों की फसल के बीमा के लिए अभी तक बीमा कंपनी चयन क्यों नहीं हो पायी है सरकार चार बार टेंडर क्यों कर रही है। मुनाफे के बंटवारे को लेकर कोई अड़चन है या जब किकबैक के लिए। सरकार बार-बार किसी टेंडर को बदलेगी तो किसानों का फायदा कैसे होगा? यह मध्य प्रदेश जानना चाहता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़