पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा, राज्य की शिक्षा प्रणाली ‘राजनीतिक रूप से बंदी’

Governor of West Bengal

कुलपतियों की डिजिटल बैठक बुलाकर मैं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सामने आ रही समस्याओं का हल करना चाहता था, जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया और कारण सभी जानते हैं।

कोलकाता। कोविड-19 महामारी के बीच शैक्षणिक स्थिति पर चर्चा के लिये राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुधवार को बुलाई गई डिजिटल बैठक में राज्य के 23 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नहीं पहुंचने के एक दिन बाद नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था ‘राजनीतिक पिंजरे में बंद’ है। धनखड़ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह बैठक के संबंध में उनके पत्र की अनदेखी कर अनुपस्थित रहने वाले कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगेंगे। सिर्फ एक कुलपति ने राज्यपाल द्वारा बुलाए गए डिजिटल सम्मेलन में हिस्सा लिया। राज्यपाल प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं। धनखड़ ने कहा कि वह अनुपस्थित रहने वाले कुलपतियों से महामारी के कारण छात्रों के सामने पेश आ रही शैक्षणिक समस्याओं पर भी जानकारी मांगेंगे। संभवत: अधिकतर कुलपतियों के अनुपस्थित रहने के संदर्भ में उन्होंने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के शिक्षा परिदृश्य में इस राजनीतिक रूपी पिजड़े की जकड़न को बढ़ता हुआ देख रहा हूं।” उन्होंने कहा, “कुलपतियों की डिजिटल बैठक बुलाकर मैं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सामने आ रही समस्याओं का हल करना चाहता था, जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया और कारण सभी जानते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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