महाराष्ट्र में 30 जून के बाद भी नहीं हटेगा लॉकडाउन, CM उद्धव बोले- अभी खतरा टला नहीं

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि 30 जून के बाद भी राज्य में लॉकडाउन की पाबंदियां जारी रहेंगी। टेलीविजन पर संबोधन में ठाकरे ने पाबंदियों में ढील दिए जाने से इंकार करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना वायरस का खतरा अब भी बना हुआ है।

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि 30 जून के बाद भी राज्य में लॉकडाउन की पाबंदियां जारी रहेंगी। टेलीविजन पर संबोधन में ठाकरे ने पाबंदियों में ढील दिए जाने से इंकार करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना वायरस का खतरा अब भी बना हुआ है। ठाकरे ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘क्या 30 जून के बाद लॉकडाउन हटाया जाएगा? स्पष्ट उत्तर ‘नहीं’ है।’’ ठाकरे ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया को धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है, जिसे ‘मिशन बिगिन अगेन’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि 30 जून के बाद पाबंदियों में कुछ ढील होगी लेकिन धीरे-धीरे ज्यादा ढील दी जाएगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में मिशन बिगिन अगेन के तहत अनलॉक प्रक्रिया शुरू की गई है। 30 जून के बाद भी पाबंदियां जारी रहेंगी लेकिन धीरे-धीरे लोगों को ज्यादा ढील दी जाएगी।’’ मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मामले के आधार पर ढील दी जाएगी। उदाहरण के लिए यात्री परिवहन पर कुछ पाबंदियां जारी रहेंगी लेकिन कुछ स्थानीय सेवाओं को अनुमति दी जाएगी।’’ ठाकरे ने कहा कि चूंकि बड़ी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए कड़ा अनुशासन लागू रहना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लॉकडाउन शब्द का प्रयोग नहीं भी कर रहा हूं तो भी गलतफहमी में नहीं रहें और सुरक्षा कम नहीं करें।

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वास्तव में हमें ज्यादा अनुशासन दिखाने की जरूरत है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस युद्ध को अंतिम चरण में आधा-अधूरा नहीं छोड़ सकते। मुझे विश्वास है कि आप सरकार के साथ सहयोग करते रहेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन फिर से लागू नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि हम शिक्षा को फिर से शुरू करने पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि यह स्कूल खोले जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मॉनसून शुरू हो चुका है और भारी बारिश तथा बीमारियों जैसे मुद्दे के समाधान के लिए हमने बैठकें करनी शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बारिश के कारण बीमारियां फैल सकती हैं और हमने आसपास साफ-सफाई रखकर एहतियात बरतना शुरू कर दिया है और सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं पानी जमा नहीं हो।’’ उन्होंने निजी डॉक्टरों से भी काम शुरू करने की अपील की ताकि स्वास्थ्य मशीनरी के बोझ को कम किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘पीपीई किट और एन-95 मास्क की कमी नहीं है। अगर चिकित्सकीय आपूर्ति में कमी है तो सरकार को बताएं। महाराष्ट्र को आपके अनुभव की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित मुंबई में ‘चेज द वायरस’ पहल के अच्छे परिणाम सामने आए और अब इसे राज्य के दूसरे हस्सों में भी लागू किया जाएगा।

अभियान के तहत कोविड-19 रोगी के निकट संपर्क में आने वाले 15 लोगों को आवश्यक रूप से संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रखा जाएगा, जबकि समुदाय के नेता लोगों को संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में अन्य बीमारियों, भोजन और अन्य सुविधाओं की जानकारी देंगे। साथ ही वे क्लीनिक के समय के बारे में भी बताएंगे। इसे 27 मई को शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने टेलीविजन से दिए गए संबोधन में कहा, ‘‘मुंबई में हमें चेज द वायरस अभियान के अच्छे परिणाम मिले और अब हमने इसे पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय किया है।’’ उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान का विस्तार करने की मांग की है ताकि महाराष्ट्र में कम कीमत पर गरीबों को खाद्यान्न की आपूर्ति की जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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