कोरोना का असर, अगले सप्ताह के मध्य तक खत्म हो सकता है संसद का मानसून सत्र

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लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करने की पैरवी की। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन में विभिन्न पार्टियों के नेता, सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं तथा इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।

नयी दिल्ली। सांसदों के बीच कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर संसद का मौजूदा मानसून सत्र अगले सप्ताह के मध्य तक खत्म किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल ज्यादातर पार्टियों के नेताओं ने सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करने की पैरवी की। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन में विभिन्न पार्टियों के नेता, सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं तथा इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं। मानसून सत्र गत 14 सितंबर से आरंभ हुआ था और तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका समापन एक अक्टूबर को होना था। सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाएगा। लोकसभा ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया है। ये विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए गए थे। इसके साथ सांसदों के वेतन में कटौती से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को भी सदन की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। 

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विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है। गत 14 सितंबर से सत्र के होने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों सत्र में शामिल हुए थे। कई सांसदों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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