क्रॉस जेंडर मसाज पर लगी रोक पर स्पा सेंटर के मालिकों ने जताया विरोध, कहा- यह तो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन है

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निधि अविनाश । Oct 14 2021 4:17PM

रोहिणी में स्पा सेंटर चलाने वाले मालिक हितेश ने कहा कि, इस समय कोरोना की मार सबसे ज्यादा स्पा और मसाज सेंटर झेल रहा है और अब इस नए नियमों से मुसीबत और बढ़ने वाली है। पहले से ही ग्राहक की कमी है और अब इस नए नियमों से कई लोगों की नौकरी जाने का खतरा बढ़ गया है।

साउथ और ईस्ट एमसीडी ने मसाज पार्लर के लिए कई नियमों को लागू किया है जिसका अब कई मसाज और स्पा के मालिकों ने विरोध जताया है। बता दें कि एमसीडी ने कई इलाकों में क्रॉस जेंडर मसाज पर रोक लगा दी है। स्पा मालिकों ने एमसीडी का विरोध करते हुए कहा है कि, यह संविधान का आर्टिकल-14 समानता अधिकार का उल्लघंन है और इस नियम में लैंगिक भेदभाव साफ नजर आ रहा है।स्पा और मसाज सेंटर्स संचालकों के मुताबिक, क्रॉस जेंडर पर रोक लगाने से एमसीडी क्या साबित करना चाहती है? मालिकों का कहना है कि, ऐसे कानून की क्या जरूरत है, यह समझ के बाहर है। क्रॉस जेंडर पर रोक वाले नियम के अनुसार, महिला स्पा सेंटर में पुरुष का आना मना है और पुरुष वाले में महिला का आना वर्जित है। 

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क्या कहते है स्पा के मालिक?

रोहिणी में स्पा सेंटर चलाने वाले मालिक हितेश ने कहा कि, इस समय कोरोना की मार सबसे ज्यादा स्पा और मसाज सेंटर झेल रहा है और अब इस नए नियमों से मुसीबत और बढ़ने वाली है। पहले से ही ग्राहक की कमी है और अब इस नए नियमों से कई लोगों की नौकरी जाने का खतरा बढ़ गया है। कई कारोबारी घर बैठ जाएंगे, स्पा मालिक के मुताबिक, इस क्रॉस जेंडर पर रोक लगने के बाद अलग-अलग जेंडर के लिए जगह ढूंढंने में दिक्कतें आ सकती है। बता दें कि इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं द्वारका में एक स्पा चला रहे रवि का कहना है कि, दुनिया में क्रॉस जेंडर मसाज होती है तो भारत में क्यों नहीं? रवि ने आगे कहा कि, बार को 3 बजे तक खोल टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात करने वाले स्पा और मसाज वालों के साथ गलत कर रहे है। बॉलिवुड जैसे तमाम इंडस्ट्री में भी ऐसी कई घटनाएं होती है लेकिन उनपर तो ऐसी सख्ती कभी नहीं अपनाई गई। देश में अब मिलिट्री में महिलाओं को पूरा अधिकार दिया जा रहा है और देह व्यापार के सबसे ज्यादा मामले बिना लाइसेंस वाले मसाज सेंटर से आए है। रवि ने कहा कि, जो गलत कर रहा है उसपर पूरी कारवाई की जाए लेकिन इस चक्कर में पूरी  इंडस्ट्री को टारगेट करना गलत है। 

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हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई

बता दें कि इस मामले पर अभी दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वकील के मुताबिक, क्रॉस-जेंडर मसाज को प्रतिबंधित करने वाले दिशानिर्देशों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। 9 नवंबर को फिर से इस पर सुनवाई की जाएगी। स्पा के मालिकों ने साफ कहा है कि, जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आ जाता तब तक वह किसी भी नियमों को नहीं मानेंगे। 

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