भगोड़ों की अब खैर नहीं, भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी
![the president's approval for the fugitive economic offender Ordinance the president's approval for the fugitive economic offender Ordinance](https://images.prabhasakshi.com/2018/4/_650x_2018042217574935.jpg)
एक अधिकारिक बयान में कहा गया कि यह अध्यादेश उन आर्थिक अपराधियों के लिए लाया गया जो देश की अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भाग कर कानूनी प्रक्रिया बच रहे हैं।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश- 2018 को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे अब अधिकारियों को बैंकों के साथ धोखाधड़ी और जानबूझ कर ऋण न चुकाने जैसे आर्थिक अपराध कर देश से भागने वाले लोगों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। एक अधिकारिक बयान में कहा गया कि यह अध्यादेश उन आर्थिक अपराधियों के लिए लाया गया जो देश की अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भाग कर कानूनी प्रक्रिया बच रहे हैं।
बयान में किसी का नाम निये बिना कहा गया, ‘‘इस अध्यादेश की जरूरत थी क्योंकि अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होने की संभावना या कानूनी प्रक्रिया के बीच में ही देश की अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भागने वालों की संख्या बढ़ी है।’’ इस अध्यादेश का उद्देश्य भगोडे़ आभूषण कारोबारी नीरव मोदी जैसे व्यक्तियों की धोखाधड़ी से सरकारी खजाने या सकारी बैंकों को हुए नुकसान की त्वरित वसूली की कार्रवाई की कानूनी व्यवस्था करना है। नीरव मोदी और उसके साहयोगियों पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब 14000 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
इसकी जरूरत बताते हुए बयान में कहा गया कि इस तरह के अपराधियों के भारतीय अदालतों के सामने हाजिर नहीं होने से जांच में बाधाएं आती हैं तथा अदालत का समय बर्बाद होता है। इससे कानून का शासन भी कमजोर होता है। बयान में कहा गया, ‘‘ कानून में मौजूद दिवानी एवं फौजदारी प्रावधान इस तरह की समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।’’
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