राफेल पर चर्चा के लिए सही जगह अदालत नहीं, संसद है: चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर चर्चा के लिये अदालत नहीं संसद सही मंच हैं।
नागपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर चर्चा के लिये अदालत नहीं संसद सही मंच हैं। कांग्रेस इस सौदे में बड़े पैमाने पर ‘‘घोटाले’’ का आरोप लगाती रही है। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राफेल करार की तुलना बोफोर्स मामले से नहीं की जा सकती क्योंकि 1980 के दशक में स्वीडन से बोफोर्स तोप खरीदे जाने में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ था।
राफेल करार पर अदालत जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या का समाधान अदालत नहीं है...भारत में यह चलन बन गया है...हर बात के लिये आप अदालत चले जाते हैं।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘चर्चा की जगह संसद है...जहां निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। सभी बहस संसद में होती है, अदालत में चर्चा नहीं होती। यह सिर्फ भारत में होता है कि अदालतें बहस की जगह बन गई हैं और संसद में ठहराव आ गया है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर बहस नहीं करना चाहती, दूसरा विकल्प एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन कर इस करार पर चर्चा का है, जिसकी मांग कांग्रेस द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि जेपीसी संसद का प्रतिनिधित्व करती है। यह संसद का लघु रूप है।
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