उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सरकार के कदम पर उठाया सवाल
कानून मंत्रालय ने जुलाई 2017 में कैबिनेट सचिव को सूचित किया था कि, ‘‘अब उच्च न्यायालयों से न्यायाधीशों के नियुक्ति के लिए प्राप्त प्रस्तावों की विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है।’’
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों द्वारा न्यायाधीश पद के लिए अनुशंसित वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के पेशेवर रिकॉर्ड की ‘‘विस्तृत जांच’’ करने संबंधी सरकार के कदम पर सवाल उठाया है, लेकिन कानून मंत्रालय उम्मीदवारों के पेशेवर ट्रैक रिकॉर्ड का विवरण शीर्ष पांच न्यायाधीशों को भेजना जारी रखे हुए है। कानून मंत्रालय ने जुलाई 2017 में कैबिनेट सचिव को सूचित किया था कि, ‘‘अब उच्च न्यायालयों से न्यायाधीशों के नियुक्ति के लिए प्राप्त प्रस्तावों की विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है।’’ हालांकि शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने हाल में सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया है।
कॉलेजियम ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक महिला न्यायिक अधिकारी को एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शामिल किये जाने को मंजूरी देते हुए कहा था ,‘‘ अपनी पेशेवर योग्यता के बारे में टिप्पणियों के संबंध में , न्यायपालिका उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिए है। पेशेवर योग्यता को बिना किसी पुष्टि / अप्रमाणित सूचना के आधार पर तय नहीं किया जा सकता है। ’’ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने कहा है, "जांच के बारे में सरकार को स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं गया है लेकिन कॉलेजियम की सिफारिश पर ध्यान देने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने इस कदम को सहजता से नहीं लिया है।’’
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