अमरनाथ यात्रा पर मंडराया आतंकी हमले का खतरा, एक लाख सुरक्षाकर्मियों की मांग

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सुरेश डुग्गर । May 31 2019 1:38PM

कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कहते हैं कि इस बार अमरनाथ यात्रा में जबरदस्त भीड़ की उम्मीद है। एक जुलाई से आरंभ होने वाली यात्रा 15 अगस्त श्रावण पूर्णिमा के दिन तक चलेगी।

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर एक लाख के करीब सुरक्षाकर्मियों को जुटाने की कवायद अभी से आरंभ हो गई है क्योंकि सूचनाएं कहती हैं कि आतंकी राजमार्ग तथा अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पुलवामा दोहरा सकते हैं। नतीजतन सुरक्षाधिकारी यात्रा की सुरक्षा के प्रति कोई ढील देकर खतरा मोल लेने के पक्ष में नहीं हैं। आधिकारिक तौर पर और 150 के करीब सुरक्षाबलों की कंपनियां यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्र से मांगी गई हैं। इनमें सीमा सुरक्षाबल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान होंगे जबकि सेना तथा राज्य पुलिस के जवानों को अतिरिक्त तौर पर तैनात किया जाएगा। लोकसभा चुनावों के लिए पहले से तैनात सुरक्षाबलों को यात्रा की सुरक्षा में लगाया जाने लगा है। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कहते हैं कि इस बार अमरनाथ यात्रा में जबरदस्त भीड़ की उम्मीद है। एक जुलाई से आरंभ होने वाली यात्रा 15 अगस्त श्रावण पूर्णिमा के दिन तक चलेगी। शामिल होने वालों की कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। भाग लेने वालों के लिए कोई शर्त भी नहीं है सिवाय हेल्दी होने के।

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आईएसआई की आंख की किरकरी बनी यात्रा

अधिकारी यात्रा की सुरक्षा को लेकर इसलिए चिंतित हैं क्योंकि एक तो पिछले 3-4 सालों से यात्रा घटनारहित चल रही है जो आईएसआई की आंख की किरकिरी बन चुकी है तो दूसरा यह चर्चा आम है कि इस बार कश्मीर में गर्मियां आतंकवाद के मोर्चे पर हाट होंगी। तीसरा आतंकी इस बार चुनावों में कुछ बड़ा नहीं कर पाए हैं। ऐसे में सुरक्षा का सबसे अधिक भार केरिपुब के कांधों पर होगा। पहले ही जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसी के कांधों पर है। केरिपुब के प्रवक्ता का कहना था कि कई जिम्मेदारियां होने से जवानों की संख्या कम पड़ रही है। आतंकवाद विरोधी ग्रिड से जवानों की संख्या कम नहीं की जा सकती। अतः केंद्रीय गृहमंत्रालय से आग्रह किया गया है। सेना भी अपनी अहम भूमिका निभाएगी। जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर केरिपुब के जवानों का साथ जम्मू कश्मीर पुलिस देगी तो जम्मू-पठानकोट राजमार्ग के पाकिस्तानी सीमा से सटे इलाकों में बीएसएफ की मदद ली जाएगी। इसी प्रकार अमरनाथ यात्रा के पड़ावस्थलों के आसपास के पहाड़ों की सुरक्षा का जिम्मा सेना के हवाले कर दिया जाएगा।

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आनलाइन पंजीकरण भी होगा

अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों के लिए खुशखबरी। उन्हें अब पंजीकरण के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। वह घर बैठकर भी आवेदन कर सकते हैं। अमरनाथ श्राईन बोर्ड के अध्यक्ष राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए पायलट आधार पर शुरु की गई ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन सुविधा का बुधवार को शुभारंभ किया। पहली जुलाई 2019 से शुरु हो रही अमरनाथ यात्रा के इच्छुक यात्री अब ऑनलाईन पंजीकरण करा सकेंगे। लेकिन शुरु में सिर्फ 500 ही श्रद्धालु ऑनलाईन पंजीकरण रोजाना करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि बालटाल मार्ग और पहलगाम मार्ग से रोजाना 250-250 श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाईन पंजीकरण सुविधा ही उपलब्ध रहेगी। इस सुविधा का लाभ लेने के इच्छ़ुक श्रद्धालुओं को प्रति श्रद्धालु 200 रुपये के शुल्क के साथ संबधित राज्य व केंद्र शासित राज्य द्वारा स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नामित डाक्टर अथवा अस्पताल द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को भी अपलोड करना होगा। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल ने बोर्ड के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में इस सेवा को शुरु किया। बोर्ड के सीईओ उमंग नरुला ने इस मौके पर बताया कि ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा को पायलट आधार पर शुरु करने का फैसला बोर्ड की गत सात मार्च 2019 को हुई 36वीं निदेशक मंडल में लिया गया था। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा को एनआईसी की मदद से तैयार किया गया है। श्राईन बोर्ड ने एक नयी पहल के तहत यात्रा परिमट प्रपत्र पर क्यूआर और बॉर कोडिंग शुरु की है। क्यूआर कोड को यात्रियों के डाटा बेस में उनके मोबाईल नंबर के साथ जोड़ा जाएगा। यात्रा प्रमाणपत्र के क्यूआर कोड को दोमेल व चंदनबाड़ी स्थित एक्सेस कंट्रोल गेट व अन्य शिविरों में स्कैन किया जाएगा। इससे रियल टाईम आधारित यात्रियों की गणना और निगरानी हो सकेगी। कंप्यूटर द्वारा जारी यात्रा पर्ची को, जिस पर क्यूआर और बॉर कोड होगा, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की असल प्रति के साथ दोमेल, चंदनबाड़ी स्थित एक्सेस कंट्रोल गेट पर संबधित अधिकारियों को दिखाना होगा। इसके बिना संबधित श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।

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16 किमी से बर्फ हटाई जा चुकी है

अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित व कामयाब बनाने के लिए 15 जून तक राज्य में पूरी तैयारियां हो जाएंगी। चंदनबाड़ी से पहलगाम तक 32 किलोमीटर यात्रा ट्रैक के 16 किलोमीटर हिस्से से बर्फ हटा दी गई। यात्रा शुरू होने से दस दिन पहले यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में ज्वाइंट कंट्रोल रूम काम करना शुरू कर देगा। इस कंट्रोल रूम में पुलिस व यात्रा से संबंधित अधिकारी चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे। 

कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान की अध्यक्षता में अनंतनाग में हुई बैठक में यात्रा को कामयाब बनाने की तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक में आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, यात्रा की जिम्मेदारी संभालने वाले अन्य कुछ विभाग के अधिकारियों के साथ श्री बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे। डिवीजनल कमिश्नर ने निर्देश दिए कि 15 जून तक शेषनाग, पंजतरनी, चंदनबाड़ी, पवित्र गुफा के पास प्री फैबरिकेटेड स्ट्रक्चर बनाने, ट्रेक ठीक करने, स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने व क्रिटिकल केयर एंबुलेंस का बंदोबस्त हो जाना चाहिए। इसी बीच श्री अमरनाथ यात्रा के लिए घोड़े, खच्चर वालों का पंजीकरण करने के साथ डिवकाम ने अनंतनाग के डीसी को निर्देश दिए कि यात्रा प्रबंधों को समय पर पूरा करने के लिए नोडल अधिकारी बना दिए जाएं। इसके साथ पवित्र गुफा के पास साफ सफाई के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाए। अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि अखरोट फैक्टरी, काजीगुंड, एफसीआइ गोदाम मीर बाजार में दो हजार श्रद्धाल़ुओं को ठहराने की व्यवस्था की है। वहां पर यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं होंगी। इसके साथ नुनवान, चंदनबाड़ी, जोजीपाल, पिस्सू टाप, महागुनुस टाप, पोशपतरी, पंचतरनी व पवित्र गुफा में श्रद्धालुओं के लिए कैंप यात्रा शुरू होने से पांच दिन पहले काम करने लगेंगे। एक सप्ताह के अंदर 2330 टैंट, 170 दुकानों स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह कार्रवाई लॉटरी के जरिये की जाएगी। इनमें से 400 टैंट व 35 दुकानें नुनवान कैंप, 800 टैंट व 50 दुकानें शेषनाग में, 900 दुकानें व 50 दुकानें पंचतरनी में पवित्र गुफा के पास 180 टैंट व 35 दुकानें स्थापित की जा रही हैं।

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35 श्‍वान दस्‍तों के हवाले होगी सुरक्षा यात्रियों की

यही नहीं अमरनाथ यात्रा मार्ग पर विघटनकारियों और विस्फोटकों का पता लगाने के लिए 35 श्वान दस्तों में से 27 को पहलगाम से पवित्र गुफा तक तैनात किया जाएगा, जबकि आठ बालटाल से पवित्र गुफा तक तैनात रहेंगे। यह श्वान दस्ते यात्रा मार्ग में स्थित आधार शिविरों की सुरक्षा में भी मदद करेंगे। राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की आठ माउंटेन रेस्क्यू टीमें यात्रा मार्ग पर सबसे दुर्गम और कठिन रास्तों पर महिला श्रद्धालुओं और बीमार श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराने में मदद करेंगी। इसके अलावा एनडीआरएफ की चार रेस्क्यू व सर्च टीमें अतिरिक्त तौर पर पहलगाम, बालटाल, पंचतरणी और शेषनाग में मौजूद रहेंगी। यात्रा प्रबंधों में जुटे राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहलगाम और बालटाल से जाने वाले दोनों रास्तों पर चिन्हित स्थानों पर तैनात किए जा रहे बचाव दलों में माउंटेन रेस्क्यू एंड सर्च टीमें भी शामिल हैं। प्रत्येक बचाव दल में शामिल सदस्य आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों में पूरी तरह से प्रशिक्षित है। ये सभी आवश्यक साजो सामान से लैस रहेंगे। इन्हें बचाव कार्यों के लिए आवश्यक अत्याधुनिक सेंसर, आक्सीजन सिलेंडर, अत्याधुनिक जीपीएस व संचार उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।उन्होंने बताया कि बचाव दलों में राज्य सशस्त्र पुलिसबल, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की 20 के करीब टीमें शामिल होंगी। इनके अलावा 12 एवालांच रेस्क्यू टीमें होंगी। इनमें से 11 टीमें एसडीआरएफ और एक सीआरपीएफ की टीम होगी।

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