प्राचीन भारतीय साहित्य का गहन अध्ययन करने की जरूरत है: कोश्यारी
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jun 25 2020 4:11PM
प्राचीन भारतीय साहित्य का गहराई से अध्ययन करने की जरूरत है ताकि इस ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में पुन: स्थापित किया जा सके। कोश्यारी ने शिक्षाविदों से प्राचीन बुद्धिमत्ता का सम्मान करने की अपील की।
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्राचीन भारतीय साहित्य के ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में पुन: स्थापित करने के लिए इसका गहराई से अध्ययन करने की जरूरत पर जोर दिया। ‘‘प्राचीन भारतीय साहित्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और महामारियों’’ विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बुधवार को कोश्यारी ने कहा कि प्राचीन भारतीय साहित्य ज्ञान और बुद्धिमत्ता का बड़ा सागर है। राज्यपाल ने कहा कि अब दुनिया ने योग की भारतीय अवधारणा को स्वीकार कर लिया है।
प्राचीन भारतीय साहित्य का गहराई से अध्ययन करने की जरूरत है ताकि इस ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में पुन: स्थापित किया जा सके। कोश्यारी ने शिक्षाविदों से प्राचीन बुद्धिमत्ता का सम्मान करने की अपील की। राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उत्तराखंड स्थित देवभूमि विचार मंच ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी, नैनीताल के साथ मिलकर वेबिनार आयोजित किया।Speaking on the occasion Governor Koshyari said ancient Indian literature is like a vast ocean of knowledge and wisdom. He expressed the need to conduct an indepth study of the ancient Indian literature to re-establish knowledge in the modern context.
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) June 24, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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