मध्यस्थता प्रक्रिया और फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ के प्रदर्शन के बीच कोई संबंध नहीं
शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि कोई भी फिल्म अयोध्या भूमि विवाद की मध्यस्थता कार्यवाही के रास्ते में नहीं आ सकती है और यदि पक्षकार मुद्दा सुलझाना चाहते हैं तो वे ऐसा कर लेंगे।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को अयोध्या विवाद के इर्द गिर्द घूमने वाली फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ के प्रदर्शन में हस्तक्षेप से इंकार करने के साथ ही शुक्रवार को इसके रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद में मध्यस्थता की कार्यवाही और इस फिल्म के प्रदर्शन का ‘कोई संबंध नहीं ’ है। न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब सुबह इस मामले पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुये इसका उल्लेख किया गया।
A Supreme Court bench of Justice SA Bobde and Justice S Abdul Nazeer said, "what’s the relation between movie and mediation. Parties want to settle it. We are not so pessimistic. No film can come in the way of mediation.” https://t.co/HtXa74UsKE
— ANI (@ANI) March 28, 2019
इसके कुछ घंटे बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी मुद्दे पर एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान फिल्म के प्रदर्शन में बाधक नहीं बनने का निश्चय किया और कहा कि इन आरोपों के समर्थन में रिकार्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे पता चले कि इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इस अदालत को इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है।’’ शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि कोई भी फिल्म अयोध्या भूमि विवाद की मध्यस्थता कार्यवाही के रास्ते में नहीं आ सकती है और यदि पक्षकार मुद्दा सुलझाना चाहते हैं तो वे ऐसा कर लेंगे।
इसे भी पढ़ें: मोदी विरोध में अंधी हो गई है कांग्रेस, देशहित के बारे में सोचना बंद कर दिया: मोदी
पीठ ने कहा, ‘‘मध्यस्थता कार्यवाही और फिल्म के प्रदर्शन के बीच कोई संबंध नहीं है। यदि पक्षकार इसे सुलझाना चाहेंगे तो वे ऐसा करेंगे। वे किसी फिल्म से प्रभावित नहीं होंगे। हम इस बारे में इतना निराश नहीं हैं। कोई भी फिल्म मध्यस्थता के रास्ते में नहीं आ सकती।’’ पीठ ने कहा कि इस फिल्म के खिलाफ याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई की जायेगी। इस मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने के लिये उल्लेख करने वाले वकील ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि यह अयोध्या मामले में मध्यस्थता कार्यवाही को प्रभावित करेगी।
अन्य न्यूज़