कोरोना से प्रभावित लोगों को सुविधाएं देने में धन की नहीं होनी चाहिए कमी: योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अस्पताल की श्रेणी के आधार पर वेन्टिलेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घर में पृथक-वास में रह रहे के मरीजों की निगरानी के लिए तकनीक का उपयोग किया जाए। योगी ने जांच में और वृद्धि करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक जांच निरन्तर की जाएं। आरटीपीसीआर से 40 हजार टेस्ट तथा रैपिड एण्टीजन टेस्ट विधि से 65 हजार जांच प्रतिदिन की जाएं। उन्होंने निदेशक, एसजीपीजीआई को कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, झांसी तथा गोरखपुर के मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजने के निर्देश दिये और कहा कि इन जनपदों में कोविड-19 की उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, वरिष्ठ संकाय सदस्य, कोविड अस्पतालों के प्रभारी डिप्टी सीएमओ तथा वेन्टिलेटर संचालक उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ में आवश्यक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। यह कोविड चिकित्सालयों का भ्रमण कर इन अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करेगी तथा आवश्यकतानुसार अन्य प्रबन्ध भी सुनिश्चित कराएगी।मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कहा है कि लखनऊ स्थित SGPGI तथा KGMU में भर्ती कोविड मरीजों के लिए कुछ प्राइवेट कक्षों की भी व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन दोनों चिकित्सा संस्थानों में कोविड-19 के उपचार के लिए कंफर्म कोविड रोगी ही संदर्भित किए जाएं। pic.twitter.com/xkbcMX2b6r
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 30, 2020
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उन्होंने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक कोविड अस्पताल के प्रभारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से निरन्तर संवाद बनाये रखने के निर्देश दिये। योगी ने कहा कि रोगियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, घर-घर जाकर सर्वेक्षण कार्य तथा कोविड संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्तियों के एण्टीजेन टेस्ट की व्यवस्था का प्रभावी संचालन जारी रखा जाए। प्रत्येक जनपद में एल-2 कोविड अस्पताल स्थापित किया जाए। इस कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। उन्होंने कहा कि ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों के लिए तथा शेष 50 प्रतिशत गेर-कोविड मरीजों के लिए उपयोग की जाएं। साथ ही स्पष्ट किया कि कोविड कार्य में लगी एम्बुलेंस को कोविड के मामलों में ही इस्तेमाल किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस कर्मियों को वेतन, मास्क, दस्तानों आदि की समस्या नहीं आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई तथा किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में भर्ती कोविड मरीजों के लिए कुछ निजी कमरों की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई, केजीएमयू तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान में भर्ती कोविड रोगियों में से, जिन्हें डायलिसिस की आवश्यकता हो, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को 15 अगस्त, 2020 तक प्रत्येक दशा में तैयार करने के निर्देश दिये।
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