राज्यसभा चुनाव से पहले जो भी कहा गया उसका कोई औचित्य नहीं था: सचिन पायलट
पायलट ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हमारी अपेक्षा के अनुसार सभी निर्दलीय और सहयोगी पार्टियों के विधायकों ने हमारे पक्ष में मतदान किया।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पायलट ने आगे कहा, ‘‘चुनाव से पहले मैंने जो दावा किया था वो सही निकला इसका मतलब है कि जितनी बातें कहीं गई सब निराधार थी। चाहे किसी ने कहीं से भी बोली हों। ’ पायलट ने दावा किया था कि राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के दोनों उम्मीदवार जीतेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव में 100 प्रतिशत उसी प्रकार का मतदान हुआ और संख्या बल के आधार पर प्रचंड बहुमत लेकर हमारे दोनों उम्मीदवार के सी वेणुगोपाल और नीरज डांगी राज्यसभा सदस्य बने। इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान जो भी कुछ कहा गया, कहलवाया गया आदि उसका कोई औचित्य नहीं था।’’ उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिए जाने को लेकर कांग्रेस व भाजपा में काफी बयानबाजी हुई थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया था कि भाजपा कुछ विधायकों को प्रलोभन दे रही है। भाजपा ने हालांकि इसका खंडन किया था। इसके साथ पायलट ने राज्य सरकार द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए कुछ विधायकों को खानों, जमीनों आदि की पेशकश किए जाने के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के आरोपों को भी खारिज कर दिया।राजनीतिक नियुक्तियों के लिए जो कोर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है उसी के माध्यम से ही नियुक्तियां होगी और नई नियुक्तियां एवं नियुक्तियों में फेरबदल का निर्णय भी कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक में ही होगा। pic.twitter.com/N9vefwZkUW
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 23, 2020
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उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है और कहीं ना कहीं वह बचाव की मुद्रा में हैं। ’ राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में पायलट ने कहा, ‘‘राजनीतिक नियुक्तियों के लिए जो समन्वय समिति बनाई गई है उसी के माध्यम से ही नियुक्तियां होगी और नई नियुक्तियां व नियुक्तियों में फेरबदल का निर्णय भी उसी समिति की बैठक में होगा।’’ उन्होंने कहा कि वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष हैं और कार्यकर्ता खून पसीना बहाकर इस पार्टी को सत्ता में लेकर आये हैं। पायलट ने कहा, ‘‘उसका पूरा मान-सम्मान चाहे नियुक्तियों के माध्यम से हो चाहे पार्टी या सरकार में भागीदारी के माध्यम से हो यह सुनिश्चत करना मेरा प्रथम कर्तव्य है।
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