इस बार संसद त्रिशंकु होगी: सुधाकर रेड्डी

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रेड्डी ने दावा किया कि इस बात की संभावना है कि राजग को सर्वाधिक सीटें मिलें लेकिन वह सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत से दूर रहेगी।

हैदराबाद। वरिष्ठ वामपंथी नेता सुरावरम सुधाकर रेड्डी लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में संयुक्त मोर्चा सरकार के गठन की संभावना देख रहे हैं जैसा करीब दो दशक पहले हुआ था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव रेड्डी महसूस करते हैं कि इस बार न तो संप्रग और न ही राजग को इतना बहुमत मिलेगा कि वे सरकार का गठन कर लें। रेड्डी ने कहा, ‘‘इस बार संसद त्रिशंकु होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा झुकाव भाजपा विरोधी सरकार के गठन को लेकर है। यह मोर्चो जिसका केसीआर (तेलंगाना मुख्यमंत्री) प्रस्ताव कर रहे हैं, वह यह छाप छोड़ने की कोशिश कर रहा है कि क्षेत्रीय दलों को बहुमत मिलेगा। उन्हें बहुमत नहीं मिलेगा।’’ उनके अनुसार, उन्हें या तो भाजपा का समर्थन लेना होगा या फिर कांग्रेस से या उन्हें संप्रग या राजग में से किसी एक मोर्चे का समर्थन करना होगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि वह (केसीआर) भाजपा विरोधी के बजाए कांग्रेस विरोधी अधिक हैं। इसलिए हमें देखो और इंतजार करो, पर चलना होगा। हम केंद्र में गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस सरकार के गठन का विरोध नहीं कर रहे जिसे कांग्रेस समर्थन देगी लेकिन भाजपा के समर्थन वाले मोर्चे को नहीं।’’ इस वाम नेता ने अनुमान लगाते हुये कहा, ‘‘यह पहले के बनी संयुक्त मोर्चा (सरकार) जैसा हो सकता है। उनका इशारा 1996 से 1998 में 13 दलों के गठबंधन से बनी सरकार की ओर था जिसे कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया था। रेड्डी ने दावा किया कि इस बात की संभावना है कि राजग को सर्वाधिक सीटें मिलें लेकिन वह सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत से दूर रहेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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