थॉमस कुक के दिवालिया होने से टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका, दुनियाभर में मचा हड़कंप

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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वदेश वापसी का यह सबसे बड़ा अभियान है जिसके मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने देश से बाहर गए 1.5 लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए योजना बनाई है।

यात्रा सेवाएं उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की पुरानी कंपनी थॉमस कुक कर्ज का बोझ झेलते-झेलते दिवालिया हो गई। इसी के साथ ही दुनियाभर में थॉमस कुक की सेवाएं ले रहे करीब छह लाख पर्यटक जहां तहां फंस गए। हालांकि इस परिस्थिति को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने एक बड़ा अभियान चलाया है। 

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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा अभियान

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वदेश वापसी का यह सबसे बड़ा अभियान है जिसके मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने छुट्टियां बिताने देश से बाहर गए 1.5 लाख नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए योजना बनाई है। जिस पर काम भी शुरू हो चुका है। आपको बता दें कि ब्रिटेन सरकार ने बुल्गारिया, क्यूबा, तुर्की और अमेरिका गए यात्रियों को स्वदेश लाने के लिए विमानों की व्यवस्था भी कर ली है अब वह जल्द ही ब्रिटेन आ जाएंगे।

ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि सरकार ने और ब्रिटेन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने थॉमस कुक के ग्राहकों को स्वदेश लाने के लिए कई विमानों को किराए पर लिया है।

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दिवालिया होने के पीछे की वजह ?

ब्रिटेन की 178 साल पुरानी थॉमस कुक कंपनी पिछले कुछ सालों से कर्ज बोझ तले दबने लगी थी। कंपनी ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर जारी कश्मकश को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया। उसकी बुकिंग कम होने लगी थी और यही वजह है कि उसे निजी निवेशकों से 20 करोड़ पाउंड जुटाने में भी असफलता हाथ लगी।

कंपनी का 2007 का विलय सौदा उसके लिए घातक रहा, इसके बाद से ही वह लगातार वित्तीय संकट से जूझती रही और आखिरकार सोमवार को उसने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। इसके बाद कंपनी के 6 लाख के करीब पर्यटक दुनियाभर में जहां तहां फंस गये।

कुछ वक्त पहले कंपनी ने बताया था कि ब्रेक्जिट की वजह से उन्हें मंदी का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। 

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22 हजार कर्मचारी बेरोजगार

थॉमस कुक के दिवालिया साबित होने के बाद विमान खड़े हो गए हैं और कंपनी की सभी ट्रैवल एजेंसियां भी बंद हो गई हैं। जिसके बाद 22 हजार कर्मचारी अपनी आजीविका खो बैठे हैं। इनमें से अकेले 9,000 कम्रचारी ब्रिटेन में हैं। थॉमस कुक द्वारा साल 1841 को शुरू हुई कंपनी काफी समय से घाटे का सामना कर रही थी और दिन-प्रतिदिन बोझ तले दबने के बाद कंपनी ने सोमवार को अपना दम तोड़ दिया।

शुरुआती दौर में घरेलू यात्रियों को सुविधा पहुंचाने वाली इस कंपनी ने धीरे-धीरे अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे और बाद में दुनियाभर के यात्रियों को अपनी सेवाएं दे रहे थे। इतना ही नहीं दिवालिया घोषित होने के पहले कंपनी ने 6 लाख यात्रियों की बुकिंग को रद्द कर दिया था।  

कंपनी को लगा गहरा सदमा

कंपनी थॉमस कुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर फेंकहौउजर ने कहा दर्द बयां करते हुए कहा कि यह मेरे और कंपनी बोर्ड के बाकी सदस्यों के लिए गहरे खेद का विषय है कि हम सफल नहीं हो पाये। यह कंपनी के लिए बहुत बुरा दिन है।

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क्या भारत पर पड़ेगा इसका असर ?

गोवा की ट्रैवल ऐंड टूरिज्म एसोसिएशन ने बताया कि कंपनी के दिवालियो घोषित हो जाने के बाद इसका हमारे देश में काफी असर पड़ सकता है। क्योंकि ब्रिटेन से गोवा आने वाले पर्यटकों की अब कमी हो सकती है। एसोसिएशन के अध्यक्ष साविओ मेसिह ने आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले पर्यटन सत्र में ब्रिटेन से 30 हजार पर्यटक भारत आए थे और इन पर्यटकों में से ज्यादातर पर्यटक तो थॉमस कुक की सेवाएं लेकर ही गोवा पहुंचे थे। कंपनी हर दिन उड़ान को संचालित करती थी, जिसमें हर एक विमान में 300 यात्री होते थे।

गोवा में अभी तक ब्रिटेन से आए पर्यटक औसतन 14 रातें गुजारते थे लेकिन मौजूदा परिस्थिति के बाद कहा जा रहा है कि पर्यटकों की संख्या में तकरीबन 50 फीसदी की गिरावट आएगी। जिसका मतलब है कि इस पर्यटन वर्ष में करीब 15 हजार के आस-पास ब्रिटेन से यात्री गोवा में छुट्टियां बिताने आ सकते हैं।

ट्रैवल ऐंड टूरिज्म एसोसिएशन ने पर्यटकों की कमी की आशंका जताई लेकिन थॉमस कुक इंडिया ने एक बयान जारी करते हुए कंपनी की स्थिति से सभी को अवगत कराया। कंपनी ने कहा भारत में हमारी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। क्योंकि थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा साल 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने खरीद लिया था। तभी से थॉमस कुक का थॉमस कुक इंडिया में कोई भी हिस्सा नहीं है।

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