CM गहलोत का बड़ा निर्णय, दूसरे प्रदेशों से राजस्थान आने वालों को अब 14 दिनों तक तक होम क्वारंटाइन में नहीं रहना होगा

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में केवल उन्हीं धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी जहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन 50 या इससे कम लोग आते हैं। इन स्थलों पर एक समय में सीमित संख्या में लोग उपासना, दर्शन अथवा अन्य धार्मिक कार्यों के लिए मौजूद रह सकेंगे।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के कारण बंद किए गए ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे धार्मिक एवं उपासना स्थलों जहां श्रद्धालु सीमित संख्या में आते हैं उन्हें एक जुलाई से खोले जाने की छूट दी है। इन धर्मस्थलों पर सामाजिक दूरी सहित कोरोना वायरस से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न हिस्सों से राजस्थान आने वाले व्यक्तियों के लिए 14 दिन के गृह पृथकवार की अनिवार्यता को हटाने के निर्देश भी दिए हैं।गहलोत ने रविवार को कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बंद हुए धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित की गई समितियों के सुझावों के आधार पर शहरों में सभी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थलों को फिलहाल नहीं खोला जाए। उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोपरि है। इसलिए जनहित में अभी ऐसा किया जाना आवश्यक है। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में केवल उन्हीं धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी जहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन 50 या इससे कम लोग आते हैं। इन स्थलों पर एक समय में सीमित संख्या में लोग उपासना, दर्शन अथवा अन्य धार्मिक कार्यों के लिए मौजूद रह सकेंगे। इस दौरान सामाजिक दूरी, सेनेटाइजेशन और मास्क पहनने आदि स्वास्थ्य नियमों सहित केन्द्र सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों के लिए जारी मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन सुनिश्चित की जाए। गहलोत ने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रदेश में आने वाले व्यक्तियों के लिए 14 दिन की गृह पृथकवास की अवधि की अनिवार्यता को हटा दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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