एनआरसी मसौदे पर शोर मचा रहे लोग शरणार्थी की परिभाषा पढ़ें: तथागत रॉय
त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि एनआरसी के पूर्ण मसौदे को लेकर जो लोग शोर मचा रहे हैं उन्हें यूएनएचसीआर द्वारा शरणार्थियों के बारे में दी गयी परि पढ़ना चाहिए।
कोलकाता। त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि एनआरसी के पूर्ण मसौदे को लेकर जो लोग शोर मचा रहे हैं उन्हें यूएनएचसीआर द्वारा शरणार्थियों के बारे में दी गयी परि पढ़ना चाहिए। उन्होंने आज सुबह अपने ट्वीट में कहा कि भारत में दाखिल होने वाले मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपने देश में किसी भी प्रकार का उत्पीड़न नहीं सहा है।
रॉय की टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के आलोक में आयी है। राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से 40 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखने पर चिंता प्रकट करते हुए बनर्जी ने कल कहा था कि वे सब भारतीय अपनी ही जमीन पर शरणार्थी हो गये हैं। लेकिन त्रिपुरा के राज्यपाल ने कहा कि रोजगार या आर्थिक मौके की तलाश में दूसरे देश से आ रहे लोग ‘घुसपैठिये’ हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘असम एनआरसी से लोगों को बाहर रखने पर जो लोग शोर मचा रहे हैं उन्हें सलाह संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त द्वारा ‘शरणार्थी’ की दी गयी परिभाषा पढ़ने की सलाह है। अपने देश से दूसरे देश में चला गया कोई भी बालिग व्यक्ति शरणार्थी नहीं है।’
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रॉय ने कहा, ‘केवल वे ही व्यक्ति शरणार्थी हैं जो धर्म, जाति, राजनीतिक मान्यता आदि के चलते उत्पीड़न के असली डर से अपने देश से भाग जाते हैं।रोजगार या आर्थिक मौके की तलाश में दूसरे देश में जाने वाले लोग शरणार्थी नहीं हैं।’
उन्होंने कहा कि यूएनएचसीआर की परिभाषा,‘जिसे किन्हीं कारणों से भारत सरकार द्वारा अबतक औपचारिक रुप से स्वीकार नहीं किया गया है’ के अनुसार बांग्लादेश और पाकिस्तान से भाग रहे हिंदू, सिख, ईसाई और बौद्ध शरणार्थी हैं।
रॉय ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत में प्रवेश कर रहे मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपेन देशों में कोई उत्पीड़न नहीं सहा है।’ असम में बहुप्रतीक्षित पूर्ण एनआरसी मसौदा कल जारी किया गया ।उसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम हैं।
अन्य न्यूज़