जैश के तीन संदिग्ध आतंकवादी जम्मू के पास सुरक्षा बलों पर गोलीबारी कर भागे

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[email protected] । Sep 12 2018 7:38PM

फिदायीन दस्ते का हिस्सा माने जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की और राज्य के मुख्य राजमार्ग पर सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की।

जम्मू। फिदायीन दस्ते का हिस्सा माने जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की और राज्य के मुख्य राजमार्ग पर सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की। इसके बाद वे शहर के पास के एक जंगल में भाग गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने रोके गए एक ट्रक से सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया। यह वाकया उस वक्त हुआ जब जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाले राजमार्ग पर झाजर कोटली में एक जांच चौकी से गुजरने के बाद ट्रक रफ्तार पकड़ रहा था। 

तीनों हमलावरों के झाजर कोटली और नगरोटा के बीच में पड़ने वाले एक जंगल में भाग जाने के बाद जम्मू और इसके आसपास के इलाकों में लोगों में घबराहट पैदा हो गई। माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा में अतिरिक्त जांच चौकियां बनाई गईं। जंगली इलाकों में ड्रोन तैनात किए गए ताकि फरार हुए आतंकवादियों को ढूंढ निकाला जा सके। पुलिस, अर्धसैनिक बलों और थलसेना ने एक तलाशी अभियान चलाया और अहम प्रतिष्ठानों के इर्द-गिर्द सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। संदिग्ध आतंकवादियों की ओर से की गई फायरिंग में एक वन रक्षक जख्मी हो गया। 

जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विवेक गुप्ता ने कहा, ‘‘उन्हें रोके जाने के बाद वे झाजर कोटली और नगरोटा के बीच के एक जंगली इलाके में भाग गए। उन्होंने वर्दी पहने एक वन रक्षक को देखा तो उस पर गोलियां चला दी। वह जख्मी हो गया और उसकी हालत स्थिर है।’’ तीनों हमलावर तो भागने में कामयाब हो गए, लेकिन ट्रक के ड्राइवर और कंडक्टर को पकड़ लिया गया। मध्य कश्मीर के बड़गाम के रहने वाले ड्राइवर से हुई पूछताछ के आधार पर अधिकारियों ने कहा कि तीनों हमलावरों ने बुधवार की सुबह कठुआ-सांभा से घुसपैठ की। वे अंतरराष्ट्रीय सीमा से दो-तीन किलोमीटर दूर चक दयाला गांव में ट्रक में सवार हुए। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ड्राइवर और उसके सहयोगी को झाजर कोटली की उस जगह पर लेकर गया है जहां से उन्हें पकड़ा गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद का हिस्सा माने जाते हैं और ‘फिदायीन’ हमले को अंजाम देने के लिए उन्होंने भारत में घुसपैठ की थी। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रक से बरामद दवाओं और मेवों सहित अन्य सामानों से पता चलता है कि वे आतंकवादी हमले को अंजाम देने आए थे।’’ गुप्ता ने कहा कि एक ‘एके’ राइफल और तीन मैगजीन ट्रक से जब्त किए गए थे। 

अधिकारियों ने ब्योरा देते हुए बताया कि बाईपास रोड का इस्तेमाल करते हुए ट्रक ने झाजर कोटली के पास की एक सुरक्षा जांच चौकी से भागने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही मीटर की दूरी पर सुरक्षाकर्मी उसे रोकने में कामयाब हो गए। उन्होंने बताया कि किसी नाले से होकर तीनों शख्स भारत की सीमा में दाखिल हुए। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इसका अक्सर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी करने वाली बीएसएफ हर बार इसे मानने से इनकार कर देती है।’’ 

घटना के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और जम्मू क्षेत्र के आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। जम्मू क्षेत्र में पिछली बार कोई आतंकवादी वारदात अगस्त 2015 में हुई थी जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने बीएसएफ के एक काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें अर्धसैनिक बल के दो जवान शहीद हो गए थे।

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