पुलवामा एनकाउंटर में मारे गए 12 नागरिक, 75 जख्मी, 3 आतंकी भी ढेर

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सुरेश डुग्गर । Dec 15 2018 6:23PM

मुठभेड़स्थलों पर जाकर जान देने के मामलों में होने वाली वृद्धि ने कश्मीर पुलिस को परेशानी में डाल दिया है। यह परेशानी इसलिए भी है क्योंकि पिछले 23 महीनों में 200 से अधिक नागरिक मुठभेड़स्थलों पर सुरक्षाबलों पर पथराव के दौरान उनके द्वारा चलाई गई गोलियों या होने वाले विस्फोटों में मारे गए हैं।

श्रीनगर। फौजी से कुख्यात आतंकी बना जहूर अहमद ठोकर शनिवार को खारपोरा पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में अपने दो साथियों संग मारा गया। मुठभेड़ में एक सैन्यकर्मी शहीद व एक अन्य जख्मी हो गया। इस बीच, आतंकियों की मौत के बाद भड़की हिंसा में 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि 75 से अधिक जख्मी हो गए हैं। इनमें 15 की हालत गंभीर बताई जा रही है। अधिकारियों ने 9 नागरिकों की मौत की पुष्टि की है। स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में मोबाईल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के साथ ही बनिहाल-श्रीनगर रेल सेवा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, पुलवामा जिले के खारपोरा सिरनू में हिज्ब के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शुमार जहूर ठोकर व उसके साथियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही आज तड़के सेना ,पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली। सुबह नमाज की पहली अजान के बाद सुरक्षाबलों ने गांव में तलाशी शुरु की और जैसे ही वह गांव के बाहरी छोर पर एक पोल्ट्री फार्म के पास पहुंचे तो वहां छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरु कर दी। जवानों ने भी अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके साथ हीउन्होंने आतंकियों को सरेंडर के लिए भी कहा। लेकिन आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी।

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मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जहूर ठोकर पहले सेना में था और 2016 में आतंक की राह पर चल पड़ा था। शनिवार सुबह पुलवामा जिले के खारपुरा में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के मौजूद होने की सूचना के आधार पर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में सुरक्षाबलों ने हिज्बुल कमांडर जहूर समेत तीन आतंकियों को मार गिराया है। जहूर ठोकर 173 टेरीटोरियल आर्मी का सदस्य था और 2016 में सर्विस रायफल के साथ भागकर आतंकी बना था।

करीब तीन घंटे तक दोनों तरफ से गोलियां चली। इस दौरान दो सैन्यकर्मी सिपाही किशन और तौसीफ जख्मी हो गए। दोनों को उपचार के लिए श्रीनगर स्थित सेना के92 बेस अस्पताल ले जाया गया,जहां किशन ने कुछ ही देर में अपने जख्मों की ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। मुठभेड़स्थल से तीन आतंकियों के शव मिले। इनमें से एक जुलाई 2017 को गंठमुला बारामुला से सरकारी राइफल संग फरार हुए 163 टीए बटालियन के भगौड़े जहूर अहमद ठोकर के रुप में हुई है।

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इस बीच, मुठभेड़ शुरु होने के कुछ ही देर बाद बड़ी संख्या में आतंकी समर्थक तत्व भी जिहादी नारे लगाते हुए मुठभेड़ स्थल पर जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव करना शुरू कर दिया। लेकिन सुरक्षाबलों ने संयम बनाए रखा। अलबत्ता, सुबह नौ बजे के करीब जैसे ही तीन आतंकियों की मारे जाने की खबर फैली, हिंसक प्रदर्शन और तेज हो गया। पथराव कर रहे युवकों ने सुरक्षाबलों पर हमला करते हुए उनके हथियार छीनने का भी कथित प्रयास किया। इस पर सुरक्षाबलों को भी बल प्रयोग करना पड़ा। उसके बाद वहां हिंसक झड़पें शुरु हो गई जो कुछ ही देर में पुलवामा व उसके साथ सटे अन्य इलाकों में भी फैल गई। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को लाठियों, आंसूगैस और पैलेट गन का भी सहारा लेना पड़ा। बताया जाता है कि इस दौरान सुरक्षाबलों ने हिंसक तत्वों पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग भी की।

खबर के लिखे जाने तक हिंसक झड़पों में घायल हुए 100 के करीब प्रदर्शनकारियों में से 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई हैं। पुलिस ने 9 मौतों की पुष्टि की है जबकि 15 की हालत गंभीर बनी हुई है। मारे गए प्रदर्शनकारियों में से एक की पत्नी इंडोनेशियाई है और उसकी तीन महीने की संतान है। करीमाबाद गांव के अबिद हुसैन ने इंडोनेशिया से एमबीए पूरा किया और वह पिछले साल अपनी पत्नी के साथ घर लौटा था।

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