उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फेंकना, थूकना प्रतिबंधित

[email protected] । Jul 18 2016 3:00PM

उत्तराखंड में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने और थूकने को प्रतिबंधित करने के लिए जल्द ही अधिनियम लाए जाएंगे।

देहरादून। उत्तराखंड में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने और थूकने को प्रतिबंधित करने के लिए जल्द ही अधिनियम लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में रविवार देर शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्लास्टिक का सामान बनाने वाली इकाइयां प्लास्टिक को दोबारा खरीदने के लिये संबंधित वितरक और स्टॉक्स्टि के माध्यम से यह उत्तरदायित्व निभायेंगी। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संवर्धन के लिये उत्तराखंड सरकार इस संबंध में जल्द ही एक अधिनियम भी लायेगी।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध लगाने के लिये भी एक अधिनियम लाने का फैसला किया है जिसमें ऐसा करते पाये जाने पर मौके पर ही 1,000 रूपये का जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान होगा। साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए रिवर राफ्टिंग को कर मुक्त करने तथा ऐरो स्पोर्ट्स, हॉट बैलून को तीन वर्ष तक मनोरंजन कर से मुक्त रखने, पैक्ड नमकीन पर कर 13.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया गया है।

स्कूलों में दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन में छात्र-छात्राओं को सप्ताह में एक दिन पांच रूपये अतिरिक्त बतौर पोषण भत्ता दिये जाने तथा उसमें स्थानीय फल, दूध, अण्डे आदि शामिल करने का भी फैसला किया गया है। मंत्रिमंडल ने राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू के 130, बंगाली के 25 एवं गुरूमुखी के 10 अध्यापकों की नियुक्ति करने का निर्णय भी लिया। किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना के निर्माण के लिये हिमाचल के साथ अनुबंध के तहत बनायी जाने वाली संयुक्त उद्यम कम्पनी को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। राज्य के औद्योगिक विकास में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये महिला उद्यमिता पार्क की स्थापना का निर्णय भी मंत्रिमंडल ने लिया।

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