तिहाड़ के कैदी बिखेरेंगे लोगों की जिंदगी में सुगंध
कैदियों द्वारा निर्मित परफ्यूम को बाजार में ‘‘वाह ओ’’ नाम से लॉंच किया जायेगा। खास बात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री नफीसा अली इस परफ्यूम की ब्रांड एंबेसडर होंगी।
नयी दिल्ली। समाज की मुख्य धारा से कटे तिहाड़ जेल के कैदियों ने लोगों की जिंदगी में परफ्यूम की खुशबू बिखेरने की पहल की है। कैदियों को रिहाई के बाद रोजगार के अवसर मुहैया कराने और इस बाबत सजा के दौरान कौशल विकास प्रशिक्षण से लैस करने की पहल के तहत तिहाड़ प्रशासन ने जेल में ‘‘स्कूल ऑफ परफ्यूम एंड फ्रेगरेंस’’ की शुरूआत की है। कैदियों द्वारा निर्मित परफ्यूम को बाजार में ‘‘वाह ओ’’ नाम से लॉंच किया जायेगा। खास बात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री नफीसा अली इस परफ्यूम की ब्रांड एंबेसडर होंगी।
परफ्यूम पांच खुशबुओं (चंदन, गुलाब, मोगरा, चमेली लेवेंडर) में बाजार में लॉंच होगा। इतना ही नहीं ब्रांड एंबेसडर के नाम पर इन पांचों खुशबुओं के परफ्यूम के पहले संस्करण को ‘‘वाह ओ नफीस’’ ब्रांड नेम दिया गया है। केन्द्र सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत शुरू किये गये अपने तरह के इस अनूठे संस्थान का उद्घाटन कल देर शाम जेल के महानिदेशक अजय कश्यप ने नफीसा अली की मौजूदगी में किया। तिहाड़ केन्द्रीय कारागार की जेल नंबर सात में शुरू किया गया यह स्कूल लघु एवं सूक्ष्म औद्योगिक इकाई का आदर्श नमूना है जिसे स्थापित करने एवं संचालित करने में न्यूनतम संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है।
कश्यप ने बताया कि इस तरह की यूनिट लगाने के लिये काफी कम लागत, छोटी जगह और मामूली मशीनरी की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में न सिर्फ कैदियों द्वारा परफ्यूम और इत्र का उत्पादन होगा बल्कि इसे बनाने का प्रशिक्षण भी कैदियों को दिया जायेगा। कश्यप ने बताया कि संस्थान और उत्पादन इकाई का संचालन कैदियों द्वारा ही किया जायेगा। इसमें कैदी कर्मचारी या श्रमिक के रूप में नहीं बल्कि संचालनकर्ता के रूप में काम करेंगे, जिससे उनमें उद्यमिता का भी विकास होगा।
इत्र कारोबारियों के राष्ट्रीय संगठन भारतीय परफ्यूम संघ ने तिहाड़ कैदियों द्वारा निर्मित ‘‘वाह ओ’’ ब्रांड को बाजार में बढ़ावा देने में सकारात्मक सहयोग देने की पहल की है। संगठन के सचिव जयदीप गांधी ने इसे जेल प्रशासन की कारगर पहल बताते हुये संगठन की ओर से इस ब्रांड की मार्केटिंग में भरपूर सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
तिहाड़ जेल से खुशबुओं के कारोबार को आगे बढ़ाते हुये इसके दूसरे चरण में अगरबत्ती, सूखी सुगंधित पत्तियों के मिश्रण से निर्मित रूम फ्रेशनर और खुशबू बिखेरने वाले डिफ्यूसर भी कैदियों द्वारा बनाये जायेंगे। कारोबार का दस प्रतिशत मुनाफा कैदी कल्याण कोष और 25 प्रतिशत मुनाफा अपराध पीड़ित कल्याण कोष में दिया जायेगा।
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