TMC ने NRC पर संसद में विधेयक लाने की मांग की, गृह मंत्री से मिलेंगी ममता

TMC demands a Bill in Parliament on Assam NRC, Mamata meets Home Minister
[email protected] । Jul 31 2018 12:26PM

उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताज्जुब की बात है कि इनमें से काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार, पासपोर्ट और पहचान पत्र है।

नयी दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने के मुद्दे को अमानवीय करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने आज कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर संशोधन विधेयक लाने की मांग करती है ताकि लाखों लोगों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हमारी नेता ममता बनर्जी दिल्ली में हैं। वे इस मुद्दे पर गृह मंत्री से मुलाकात करेंगी और इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगी।’’

यह पूछे जाने पर कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा है कि एनआरसी की सूची अंतिम नहीं है तथा लोगों को अभी और मौका मिलेगा, तृणमूल नेता ने कहा कि यह कैसे संभव है कि 40 लाख लोगों का इंटरव्यू 28 दिनों में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि संसद में एक संशोधन विधेयक लाया जाए। सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि असम में जो हो रहा है, वह अमानवीय है और ऐसा नहीं होने दिया जायेगा। यह एक तरह की भावना से प्रेरित हो कर किया जा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जायेगी, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति काफी सम्मान प्रकट करते हुए हम कहना चाहते हैं कि बेहतर होगा कि इस विषय का निपटारा संसद में हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की राय इस मुद्दे पर एक समान है, ऐसे में संसद में इस विषय का हल निकाला जाए। तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि एनआरसी असम में एक सूची जारी की गई है और 40 लाख लोगों के नाम हटा दिये गए हैं। इनमें से ज्यादातर बंगाली है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताज्जुब की बात है कि इनमें से काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार, पासपोर्ट और पहचान पत्र है। लेकिन फिर भी उनका नाम सूची से हटा दिया गया। एनआरसी सूची तैयार करने का काम उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर होने संबंधी गृह मंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर बंदोपाध्याय ने कहा कि ये लोग :केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा: उच्चतम न्यायालय को ढाल बना लेते हैं। संसद में विधेयक लाया जाए, संशोधन किया जाए।

लोकसभा में कल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होने का मुद्दा उठाया था और इसे अमानवीय एवं मानवाधिकार के खिलाफ कदम बताया था। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह काम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है और सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा।

सिंह ने कहा था कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा पूरी तरह निष्पक्ष है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि जहां तक एनआरसी का सवाल है, ऐसा नहीं है कि यह हमारी सरकार आने के बाद हुआ हो। पहले भी असम के लोगों की मांग रही है।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ सरकार ने कुछ नहीं किया है, जो कुछ भी हो रहा है, यह उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है।’’ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का बहु-प्रतीक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.89 करोड़ नामों के साथ कल जारी कर दिया गया। एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है।

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