लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद किसान आंदोलन के लिए राजनीतिक समर्थन लिया: राकेश टिकैत
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Feb 1 2021 8:15AM
गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर प्रदर्शन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में किसानों के जुटने की पृष्ठभूमि में टिकैत ने यह टिप्पणी की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर सीमा पर जुट रहे हैं।
गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर ‘‘लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने’’ के बाद ही उसने राजनीतिक समर्थन लिया। गाजीपुर में दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर प्रदर्शन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में किसानों के जुटने की पृष्ठभूमि में टिकैत ने यह टिप्पणी की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर सीमा पर जुट रहे हैं।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन अपनी गति खोने लगा था लेकिन टिकैत के भावुक अपील और मुजफ्फरनगर में आज आयोजित महापंचायत ने आंदोलन में जान फूंक दी है। एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है। प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया। इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है।’’ गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है।’’ शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है।The Opposition leaders must be coming out of empathy. There's no point for them to look for votes here. We will talk to the government as we believe that the issue can only be solved with dialogue: Rakesh Tikait Bharatiya Kisan Union leader pic.twitter.com/Vr0l5l8rxL
— ANI (@ANI) January 31, 2021
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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