अब आसमान में दिखेगा भारत का दम, हवाई ताकत बढ़ाने के लिए 10 साल का खाका तैयार
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 24 2020 9:28PM
अधिकारियों ने इस बारे में बताया। वायुसेना के कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद, राष्ट्र के सामने अल्पावधि और दीर्घावधि में पैदा होने वाली चुनौतियों तथा भारत के पड़ोस में जटिल भू-राजनीतिक हालत पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
नयी दिल्ली। भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों ने तीन दिवसीय मंथन सम्मेलन के खत्म होने पर शुक्रवार को अगले 10 साल के लिए देश की हवाई ताकत बढ़ाने का खाका तैयार किया। इस दौरान, उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर प्रतिकूल हालात समेत किसी भी खतरे से निपटने को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। वायुसेना के कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद, राष्ट्र के सामने अल्पावधि और दीर्घावधि में पैदा होने वाली चुनौतियों तथा भारत के पड़ोस में जटिल भू-राजनीतिक हालत पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
समापन संबोधन में वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने त्वरित क्षमता निर्माण, सभी संपत्तियों को सेवा में लगाने, बेहद कम समय में नयी प्रौद्योगिकी के प्रभावी एकीकरण को लेकर समर्पित कार्य पर जोर दिया। वायु सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि वायु सेना प्रमुख ने बल के दृष्टिकोण 2030 के बारे में बात की और आगामी दशक में इसमें बदलाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में पैदा हो रहे खतरे की प्रकृति को चिन्हित किया जाना महत्वपूर्ण है। अधिकारी ने कहा कि कमांडरों ने कई मुद्दों पर चर्चा की और किसी भी परिदृश्य में सुरक्षा खतरों से मुकाबले के लिए तैयारियों और रणनीति की समीक्षा की। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘उन्होंने मौजूदा हालात और अगले दशक के लिए वायु सेना में बदलाव के खाके की समीक्षा की।’’IAF concludes its 3-day Air Force Commanders’ Conference after series of discussions&reviews on op preparedness&strategies for countering security threats envisaged across entire spectrum. Discussion on current situation&review of IAF’s transformation roadmap for next decade done pic.twitter.com/QSmZzzWF6Q
— ANI (@ANI) July 24, 2020
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सम्मेलन के शुरुआती दिन अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ सीमा पर विवाद के संबंध में अग्रिम स्थानों पर त्वरित तरीके से उपकरणों और हथियारों की तैनाती को लेकर वायुसेना की सराहना करते हुए कहा कि बालाकोट स्ट्राइक और मौजूदा सैन्य तैयारियों ने एक सख्त संदेश दिया है। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
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