तृणमूल ने पीएम मोदी का नामांकन रद्द की अपील चुनाव आयोग से की
आयोग को लिखे एक पत्र में टीएमसी ने कहा, ‘‘हम खरीद-फरोख्त के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झूठ को आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं। उन्होंनेसंकेत दिया था कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के सदस्य भारतीय जनता पार्टी के खेमे में आ जायेंगे और इस झूठ का इस्तेमाल करके मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं।’
नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के भाषण से संकेत मिलता है कि ‘खरीद फरोख़्त आसन्न’ है और उसने भारत निर्वाचन आयोग से कहा है कि ऐसे, ‘‘उत्तेजक और अलोकतांत्रिक’’ बयानों के लिए उनका नामांकन रद्द किया जाए। गौरतलब है कि सोमवार को श्रीरामपुर में आयोजित एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि टीएमसी के 40 विधायक उनके साथ संपर्क में हैं और आम चुनावों में भाजपा की जीत के बाद वे पार्टी छोड़ देंगे। आयोग को लिखे एक पत्र में तृणमूल ने ऐसे ‘‘निराधार, अनुचित और अवैध’’ अभियान और बयान के लिये मोदी के खिलाफ ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ की मांग की।
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आयोग को लिखे एक पत्र में टीएमसी ने कहा, ‘‘हम खरीद-फरोख्त के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झूठ को आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं। उन्होंनेसंकेत दिया था कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के सदस्य भारतीय जनता पार्टी के खेमे में आ जायेंगे और इस झूठ का इस्तेमाल करके मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं।’’ टीएमसी ने कहा कि, ‘‘आपसे(निर्वाचन आयोग) प्रार्थना की जाती है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछें कि उनके कथन के साक्ष्य कहां हैं। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनका नामांकन ऐसे भड़काऊ और अलोकतांत्रिक बयानों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुये रद्द किया किए।’’ टीएमसी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का अशोभनीय बयान है क्योंकि वह वोटरों को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। वह एक गलत मंशा से उनके दिमाग में यह छाप छोड़ना चाह रहे हैं कि तृणमूल के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और वे पार्टी छोड़ सकते हैं।
TMC writes a letter to EC alleging violation of the Model Code of Conduct by PM Narendra Modi, "encouraging horse trading, by hinting that the members of the AITC will cross over to the BJP, and using this lie to influence the voters and using this lie to persuade the voters."
— ANI (@ANI) April 30, 2019
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