TRS बोली, क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन का मतलब अब अस्थिरता नहीं

trs-says-coalition-of-regional-parties-no-longer-means-instability
[email protected] । May 13 2019 4:26PM

उन्होंने कहा कि अहम बात यह है कि दिल्ली में क्षेत्रीय दलों की आवाज सुनी जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय पार्टियां हमेशा से ‘दिल्ली केंद्रित’ रही हैं जबकि क्षेत्रीय पार्टियां (अपने-अपने राज्यों में) जमीन से जुड़ी होती हैं।

हैदराबाद। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से कुछ दिन पहले सोमवार को कहा कि भारत में गठबंधन राजनीति ‘परिपक्व’ हो गई है और कई क्षेत्रीय पार्टियों के मिलकर सरकार बनाने का मतलब अब ‘अस्थिरता’ नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले उनके बेटे रामा राव ने कहा कि अब ‘बारी’ क्षेत्रीय पार्टियों की है, खासतौर पर उन पार्टियों की, जो किसी भी गठबंधन (संप्रग या राजग) में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगली सरकार के गठन में उन दलों की अहम भूमिका होने वाली है जो किसी भी (संप्रग और राजग) गठबंधन में शामिल नहीं हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘ (चुनाव के) हर चरण के पूरा होने के साथ यह और ज्यादा स्पष्ट हो रहा है। हमने हमेशा कहा है कि न कांग्रेस और न ही भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करेंगी। ये क्षेत्रीय पार्टियां ही हैं जो अगली सरकार के गठन के संबंध में अहम भूमिका निभाएंगी।’’ रामाराव के मुताबिक, चंद्रशेखर राव हाल फिलहाल में कहते रहे हैं कि टीआरएस की दिल्ली में निर्णायक भूमिका होगी और यह सच होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन राजनीति में, खासतौर पर मजबूत क्षेत्रीय पार्टियां, जो जमीनी स्तर पर काफी जुड़ी हुई हों, जिनका लोगों की आकांक्षाओं से काफी जुड़ाव है, उनकी आवाज सुनी जा रही है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस का बड़ा आरोप, चुनाव जीतने के लिए मोदी अलवर दुष्कर्म मामले पर कर रहे राजनीति

उन्होंने कहा कि अहम बात यह है कि दिल्ली में क्षेत्रीय दलों की आवाज सुनी जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय पार्टियां हमेशा से ‘दिल्ली केंद्रित’ रही हैं जबकि क्षेत्रीय पार्टियां (अपने-अपने राज्यों में) जमीन से जुड़ी होती हैं। रामा राव ने कहा, ‘‘भारत में गठबंधन राजनीति निश्चित रूप से परिपक्व हुई है। कई क्षेत्रीय दलों के साथ आने का मतलब अब अस्थिरता नहीं रह गया है। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि 23 मई (चुनाव परिणाम के दिन) के बाद चीजें कैसे आकार लेंगी।’’ उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई क्षेत्रीय पार्टियां अच्छी संख्या में लोकसभा सीटें जीतेंगी। टीआरएस पिछले साल से गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई संघीय मोर्चा बनाने की जुगत में लगी हुई है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़