पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार से दो और कांग्रेस विधायक नाराज
पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह न पाने पर कांग्रेस के दो और विधायकों ने आज निराशा जताई। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही विधायकों ने अपनी नाराजगी जताई।
चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह न पाने पर कांग्रेस के दो और विधायकों ने आज निराशा जताई। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही विधायकों ने अपनी नाराजगी जताई। इससे पहले कांग्रेस विधायक संगत सिंह गिल जियां ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिसके एक दिन बाद नवतेज सिंह चीमा और गुरकीरत सिंह कोटली ने अपनी नाखुशी जताई। कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह के बीच नई दिल्ली में बैठकों के बाद कल नौ नए मंत्रियों के नामों पर मुहर लगाई थी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते एवं खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके ‘‘ पुराने और पारंपरिक ’’ परिवारों का मंत्रिमंडल में पद के लिए विचार करना चाहिए। नवतेज सिंह चीमा ने कहा, ‘‘मैं मंत्री बनने के सभी मानदंडों पर खरा उतरता हूं लेकिन एक कनिष्ठ व्यक्ति को शामिल किया गया। मैंने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते। ’’ कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी से विधायक चीमा ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि दोआबा क्षेत्र को ‘‘ नजरअंदाज ’’ किया गया। चीमा ने कहा , ‘‘ मंत्रिमंडल में दोआबा ( सुंदर शाम अरोड़ा) को केवल एक सीट दी गई है और वह भी कंडी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोआबा के मुख्य क्षेत्र में जालंधर और कपूरथला है जो एनआरआई बेल्ट के लिए जाना जाता है और उसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कांग्रेस दोआबा क्षेत्र से सीटें जीतती है तो वह सरकार बनाती है। ’’।।चीमा ने कहा कि पार्टी ने एक जिले से तीन मंत्री बनाए लेकिन दोआबा को नजरअंदाज किया गया। डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिहं रंधावा को मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ ही गुरदासपुर जिले से अब तीन मंत्री हो गए हैं। ।।जिले के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ( फतेहगढ़ चूड़ियां ) और अरुणा चौधरी (दीनानगर) पहले से ही मंत्रिमंडल में हैं। ओ पी सोनी (अमृतसर मध्य) और सुखबिंदर सरकारिया ( राजा सांसी ) को शामिल करने के साथ ही अमृतसर से अब तीन मंत्री हो गए हैं। अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही मंत्री हैं। चीमा ने कहा कि वह यह समझ नहीं पाए कि क्यों आखिरी क्षण में उनका नाम हटा दिया गया और वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे।
इस बीच, कोटली ने पंजाब के ‘‘पारंपरिक ’’ परिवारों के पक्ष में दलीलें दीं। उन्होंने कहा, ‘‘लगातार जीतने और पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते रहे पुराने और पारंपरिक परिवारों पर भी विचार करना चाहिए।’’ कोटली के दादा बेअंत सिंह मुख्यमंत्री थे और उनके पिता तेज प्रताप सिंह पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। बहरहाल उन्होंने कहा कि हर कोई पार्टी आलाकमान और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के फैसले को स्वीकार करेगा।
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