हीरो हैं डॉ. कफील खान, 60 बच्चों की मौत पर आई रिपोर्ट में निर्दोष साबित
सीएम के दौरे के तुरंत बाद ही डॉ. कफील को निलंबित कर दिया गया था। उस समय उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने सरकारी अस्पताल से ऑक्सीजन के सिलेंडर चुरा कर प्राइवेट अस्पतालों को दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन कांड में निलंबित डॉक्टर कफील खान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि बीआरडी अस्पताल में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद डॉ. कफील को सस्पेंड कर दिया गया था। लेकिन अब उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
हालांकि इन्हीं आरोपों के तहत डॉ. कफील को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें लगभग 9 महीने तक जेल की हवा खानी पड़ी थी। अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. कफील को जमानत दे दी थी। बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 60 बच्चों की मौत के बाद सियासत तेज हो गई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अस्पताल दौरे पर पहुंचे। सीएम के दौरे के तुरंत बाद ही डॉ. कफील को निलंबित कर दिया गया था। उस समय उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने सरकारी अस्पताल से ऑक्सीजन के सिलेंडर चुरा कर प्राइवेट अस्पतालों को दिए हैं।
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हीरो से जीरो बन गए थे डॉ. कफील
60 बच्चों की मौत के बाद चारो तरफ मातम छाया हुआ था। हर किसी ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। इस घटना के बाद डॉ. कफील खान का नाम सामने आया जो हीरो बनकर उभरे। कहा कहा गया कि डॉ. कफील ने मुश्किल समय में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाकर लोगों की मदद की। लेकिन ये जनता ही है जो हीरो से जीरो बनाने में वक्त तक नहीं लेती।
बच्चों की जान बचाने वाले हीरो डॉ. कफील को अचानक से उनके पद से हटा दिया गया। पद से हटाए जाने के बाद मीडिया ने डॉ. कफील से संपर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं मिले थे। अस्पताल के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने तब बताया था कि उन्होंने संविदा पर डॉक्टर के पद पर यहां ज्वाइन किया था। बाद में अखिलेश सरकार के समय उनकी स्थायी नियुक्ति हो गई थी। पहले की सरकार में उनका काफी रूतबा भी था।
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रिपोर्ट में मिली क्लीन चिट
तकरीबन 2 साल से डॉ. कफील निलंबित हैं। डॉ. कफील पर जो आरोप लगे थे जब उनकी जांच प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई तो उन सभी आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया कि घटना की रात को डॉ. कफील ने बच्चों को बचाने की कोशिश की थी। इस रिपोर्ट की एक प्रति डॉ. कफील को भी भेजी जा चुकी हैं।
आपको बता दें कि इस मामले की जांच रिपोर्ट 18 अप्रैल को ही सौंप दी गई थी। 15 पेज की इस रिपोर्ट में बताया गया कि डॉक्टर द्वारा ड्यूटी के दौरान लापरवाही नहीं बरती गई थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि साल 2016 तक डॉ. कफील प्राइवेट प्रैक्टिस से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने यह छोड़ दिया था।
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डॉ. कफील के लिए राहत भरे पल
क्लीन चिट मिलने के बाद डॉ. कफील ने वीडियो शेयर करते हुए सभी को धन्यवाद कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने यह मान लिया है कि मेरी कोई गलती नहीं थी। डॉ. कफील ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए रिपोर्ट पेश की और कहा कि रिपोर्ट में यह माना गया कि कफील खान ने 54 घंटे में 500 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए थे और उन्होंने कोई भी लापरवाही नहीं की है। इसी के साथ डॉ. कफील ने पिछले 2 साल से अपने ऊपर हुए बर्ताव की बात भी बताई।
अगस्त में तो मरते हैं बच्चे
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार, मातृ एवं शिशु कल्याण जैसा भारी भरकम मंत्रालय संभाल रहे सिद्धार्थनाथ सिंह ने बच्चों की मौत पर सरकार का बचाव किया था। इस मामले में उन्होंने कहा था कि अगस्त में बच्चे मरते ही हैं। हालांकि उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना भी हुई थी।
BRD Hospital, Gorakhpur infants death case: Dr Kafeel Khan says, Inquiry Officer has admitted that ‘Dr. Kafeel brought 500 oxygen cylinders in 54 hours. He hasn’t committed any negligence. All the allegations levelled against him are irrelevant & without any substance' pic.twitter.com/nn9DQmXnvR
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2019
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