नासिक लोकसभा क्षेत्र में Uddhav Thackeray की पकड़ और मजबूत, चुनाव जीतकर 'महायुति' को दिया कड़ा संदेश

Uddhav Thackeray
प्रतिरूप फोटो
ANI

2024 के लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के राजाभाऊ वाजे ने एकनाथ शिंदे के गुट वली शिवसेना से यह सीट छीन ली है। यह क्षेत्र महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में है। पवित्र गोदावरी नदी के तट पर बसा यह शहर हिंदू धार्मिक स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है।

नासिक महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यहां 2024 के लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के राजाभाऊ वाजे ने एकनाथ शिंदे के गुट वली शिवसेना से यह सीट छीन ली है। यह क्षेत्र महाराष्ट्र के उत्तर पश्चिम में है। पवित्र गोदावरी नदी के तट पर बसा यह शहर हिंदू धार्मिक स्थलों में प्रमुख स्थान रखता है। यहां पर सिंहस्था कुंभ मेले का आयोजन होता है। यहां का सबसे प्रमुख भाग पंचवटी है। यह क्षेत्र सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी। मुगल काल के दौरान नासिक शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था।

नासिक लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से नासिक जिले के तहत ही आता है। जो सिन्नर, नासिक पूर्व, नासिक सेंट्रल, नासिक पश्चिम, देवलाली और इगतपुरी विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है। जहां 2019 के चुनाव में तीन सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं इसके अलावा दो पर एनसीपी और एक सीट पर कांग्रेस चुनाव जीती थी। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला सिन्नर विधानसभा क्षेत्र शिवसेना का मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन 2019 के चुनाव में इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पहली बार जीत दर्ज करने में सफल रही थी। जिसके नेता माणिकराव कोकाटे वर्तमान में यहां से विधायक हैं। विधायक कोकाटे 1999 से लेकर 2014 तक लगातार तीन बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह पहले शिवसेना और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे थे।

महाराष्ट्र में 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी नासिक पूर्वी विधानसभा सीट पर वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। जो 10 साल से यहां लगातार राज कर रही है। उन्होंने यह सीट महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राहुल उत्तमराव ढिकले से छीनी थी। वर्तमान में इस सीट से राहुल उत्तमराव ढिकले बीजेपी से विधायक हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में 124 नंबर से जानी जानेवाली नासिक सेंट्रल विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक भारतीय जनता पार्टी की देवयानी सुहास फरांडे हैं, जो लगातार दो बार इस क्षेत्र का राज्य की विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उनके पहले इस सीट पर मनसे चुनाव जीतने में सफल रही थी। नासिक लोक सभा क्षेत्र के तहत आने वाला नासिक पश्चिम विधानसभा क्षेत्र पहली बार 2009 के चुनाव में अस्तित्व में आया था। जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेवा के नितिन भोंसले चुनाव जीतने में सफल रहे थे, लेकिन 2014 के चुनाव में बीजेपी की ने सीमा महेश हिरयन ने उनसे यह सीट छीन ली। जो लगातार 10 साल से इस क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

महाराष्ट्र में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में शामिल देवलाली विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। जहां से शिवसेना के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बबनराव घोलप 1990 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार विधायक रहे हैं। उनके बाद बबनराव के सुपुत्र योगेश बबनराव गोपाल ने भी देवलाली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के चुनाव में अजित पवार के गुट वाली एनसीपी के सरोज बाबूलाल अहीर ने योगेश बबनराव को हराकर यह सीट जीत ली थी। 1982 से बतौर विधानसभा क्षेत्र अपनी पहचान बनाने वाली इगतपुरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट पर कांग्रेस का लंबे समय से कब्जा है। वर्तमान में पार्टी के नेता हीरामन भीका खोसकर यहां से विधायक हैं। उनके पहले 2009 और 2014 के चुनाव में पार्टी की माणिकराव गावित चुनाव जीतने में सफल रही थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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