उज्ज्वला से स्वस्थ हुआ ग्रामीण भारत, महिलाओं में दमा-खांसी के मामले 20 फीसदी घटे

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लोकसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने उज्ज्वला योजना को महिला सशक्तिकरण के लिए वरदान बताया।

प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला गैस योजना (पीएमयूवाई) के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराए जाते हैं। इसी योजना को लेकर एक अध्ययन सामने आया है। जिसमें दावा किया गया है कि गरीब परिवार को होने वाली दमा-खांसी जैसी गंभीर बीमारियों से राहत मिली है और ऐसे मामलों में खासी कमी भी आई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत सरकार ने 1 मई 2016 को गरीब परिवारों की महिलाओं के चेहरों पर खुशी लाने के उद्देश्य से की थी।

लोकसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने उज्ज्वला योजना को महिला सशक्तिकरण के लिए वरदान बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना की वजह से महिलाओं का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हुआ और आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है। आपको जानकारी दे दें कि ग्रामीण इलाकों में या कहें गरीब परिवार की महिलाएं पहले लकड़ी का इस्तेमाल कर चूल्हे में खाना बनाती थीं जिसके चलते बहुत-सी महिलाओं को दमा-खांसी से जूझना पड़ता था। लेकिन केंद्र सरकार की उज्ज्वला गैस योजना की वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य में आ रही गिरावट के मामलों में कमी देखने को मिली है।

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महिलाओं के स्वास्थ्य पर सामने आईं एक रिपोर्ट

इंडियन चेस्ट सोसायटी और इंडियन चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उज्ज्वला योजना का लाभ उठा रही महिलाओं की खांसी-दमा के मामलों में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है जो कि इस योजना की सबसे कारगर बात है। क्योंकि जब स्वस्थ रहेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। इसी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में अपनी बात रखी। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस योजना के लॉन्च होने के शुरुआती तीन साल में 5 लाख गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन मुहैया कराने का लक्ष्य रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले कार्यकाल के दौरान इस योजना को अपनी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देखते हैं। 

सदन को जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा कि अब तक सरकार ने देशभर में 7 करोड़ 34 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध करा दी है। इसके तहत अकेले उत्तर प्रदेश में ही 1 लाख 34 हजार कनेक्शन बांटे गए। इतना ही नहीं प्रधान ने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि आखिर कितने लोगों ने अपना पहला सिलेण्डर इस्तेमाल करने के बाद दूसरा सिलेण्डर खरीदा। 

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सरकार द्वारा बांटे गए कलेक्शनों के 86 फीसदी लाभार्थियों ने पहला सिलेण्डर वापस कर दूसरा सिलेण्डर खरीदा। जिसके बाद दूसरा सिलेण्डर खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी उनके खाते में डाल दी गई। इतना ही नहीं सरकार इस योजना को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रधान ने कहा कि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार ने पांच सालों में 9 हजार से अधिक एलपीजी वितरण केंद्र खोले।

किसे मिलेगा प्रधानमंत्री उज्ज्वल गैस योजना का लाभ? 

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक जो भी परिवार बीपीएल कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं उन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का सीधा लाभ मिल सकता है। इस योजना के तहत सरकार ने 8 करोड़ गरीब परिवार को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

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अगर आपको गैस कनेक्शन चाहिए तो आपके परिवार में मौजूद महिला इसके लिए आवेदन कर सकती है। बस महिला को एक केवाईसी फॉर्म भरकर पास के गैस कनेक्शन केंद्र में जमा कराना पड़ेगा। हालांकि आवेदन के समय आपको फॉर्म में इस बात की भी जानकारी देनी पड़ेगी कि आप 14.2 किलोग्राम का या फिर 5 किलोग्राम का सिलेण्डर लेना चाहते हैं। 

उज्ज्वला योजना के बाद भारत बना दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता

केंद्र सरकार की योजना का लाभ उठाने वाले परिवारों का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर बताया जा रहा है। इतना ही नहीं इस योजना के शुरू होने के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता बन गया है। बता दें कि एशिया एलपीजी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम सचिव एमएम कुट्टी ने जानकारी दी कि एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है। 

दिनभर सदन में क्या कुछ हुआ, जानने के लिए वीडियो देखें:

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