उना विवाद: तीन और दलितों ने खुदकुशी का प्रयास किया
कथित रूप से मरी हुई गाय की खाल उतारने के लिए दलितों को पीटने को लेकर समुदाय के सदस्यों के तीन दिन के हिंसक प्रदर्शनों के बाद राज्य के ज्यादातर हिस्सों में स्थिति सामान्य हो गई है।
अहमदाबाद। तीन और दलित युवकों ने गुजरात के बोटाड जिले में आज कथित रूप से खुदकुशी का प्रयास किया, जबकि गिर सोमनाथ में कथित रूप से मरी हुई गाय की खाल उतारने के लिए दलितों को पीटने को लेकर समुदाय के सदस्यों के तीन दिन के हिंसक प्रदर्शनों के बाद राज्य के ज्यादातर हिस्सों में स्थिति सामान्य हो गई है। पुलिस ने कहा कि बोटाड जिले के रणपुर गांव में तीन युवकों ने उना घटना के विरोध में जहरीला पदार्थ पीकर खुदकुशी का प्रयास किया।
बोटाड की पुलिस अधीक्षक सरोज कुमारी ने कहा, ‘‘गांव वालों ने पुलिस को जानकारी दी कि एक ही गांव के तीन युवकों ने उना घटना के विरोध में खुदकुशी का प्रयास किया जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर वहां से भावनगर अस्पताल ले जाया गया।’’ सरोज ने कहा कि खुदकुशी के प्रयास की खबर फैलने पर सैकड़ों दलित एकजुटता दिखाने के लिए अस्पताल में एकत्रित हुए। अब तक 20 से अधिक युवकों ने इन प्रदर्शनों के दौरान खुदकुशी का प्रयास किया है।
कांग्रेस के सदस्यों ने टायर जलाकर वडोदरा में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध किया, जिससे ट्रैफिक जाम हुआ। पुलिस सड़क खुलवाने में सफल रही और उसने इस संबंध में पांच लोगों को हिरासत में लिया। अहमदाबाद जिले और पाटन के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया। उधर अहमदाबाद के वीरामगम में दलित समुदाय सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरा और उन्होंने स्थानीय प्रशासन को न्याय की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
पाटन में भी विरोध मार्च निकाला गया जबकि अरवल्ली जिले के मोडासा में बाजार आज लगातार दूसरे दिन बंद रहे क्योंकि स्थानीय व्यापारी दलितों द्वारा उनकी दुकानों तथा प्रतिष्ठानों को पहुंचाये गये नुकसान का विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों ने तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने कई दुकानों को क्षति पहुंचाकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। गिर सोमनाथ के जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए धारा 144 लगाई है जो चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाती है। इसी क्षेत्र में मोता सलाधियाला गांव है। कलेक्टर अजय कुमार ने कहा, ‘‘हमने स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए गुरुवार शाम धारा 144 लगाई जो 31 जुलाई तक लागू रहेगी।’’
पिछले कम से कम तीन दिन से उना में कुछ स्वयंभू गौरक्षकों द्वारा दलित युवकों की बर्बर पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है और राज्य में कई जगहों से तोडफोड़ और आगजनी की खबरें आई हैं। करीब आधा दर्जन राज्य परिवहन बसों को नुकसान पहुंचाया गया है जबकि कई युवकों ने खुदकुशी का प्रयास किया है। इन तीन दिनों में दुकानों पर पथराव और नुकसान की खबरें हैं। दलितों पर हमलों के संबंध में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि लापरवाही के लिए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
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