दलितों पर अत्याचार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्णः राजनाथ
गुजरात में दलित समुदाय के कुछ लोगों की पिटायी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह पीड़ादायक है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी दलितों पर अत्याचार हो रहा है।
गुजरात में दलित समुदाय के कुछ लोगों की पिटायी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि यह अत्यंत पीड़ादायक है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी दलितों पर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने इसे सामाजिक बुराई करार देते हुए इसे समाप्त करने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आग्रह किया। राजनाथ ने लोकसभा में कहा कि गुजरात के इस मामले में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आईपीसी एवं अन्य कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है और त्वरित जांच की पहल की जा रही है। प्रत्येक पीड़ित को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है जिनमें से अब तक एक-एक लाख रूपये प्रदान कर दिये गए हैं।
शून्यकाल में कांग्रेस सांसद के सुरेश ने इस मुद्दे को उठाया और गुजरात में कानून एवं व्यवस्था विफल होने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति गठित करने की मांग की। राजनाथ ने कहा, ''दलितों पर अत्याचार की घटना चाहे भाजपा शासित प्रदेश में हो या कांग्रेस शासित प्रदेश या कहीं और हो.. निंदनीय है।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य में घटी इस घटना पर केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने के कांग्रेस, वामदल एवं अन्य दलों के प्रयासों के बीच गृह मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि 1991 से 1999 तक गुजरात में दलितों के खिलाफ अपराध के मामले लगातार बढ़े जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी जबकि 2001 के बाद से ऐसे मामलों में कमी दर्ज की गई जब भाजपा की सरकार थी।
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश में साल 2004 में अनुसूचित जाति, जनजाति समेत दलितों के खिलाफ अत्याचार के 32 हजार से अधिक मामले दर्ज किये गए जबकि 2005 में 29 हजार मामले, 2006 में 32 हजार मामले, 2007 में 35 हजार से अधिक मामले, 2008 में 38 हजार से अधिक मामले, 2009 में 34 हजार से अधिक मामले दर्ज किये गए। ‘‘इस दौरान केंद्र में हमारी सरकार नहीं बल्कि आपकी (कांग्रेस) सरकार थी।’’
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