पूरे देश में पाठ्यक्रम की एकरूपता संभव नहीं, राज्य भी निर्धारित करते हैं अपने पाठ्यक्रम: निशंक
निशंक ने कहा कि एनसीईआरटी पूरे देश के लिए पाठ्यक्रम तैयार करती है जिसे बहुत हद तक राज्य अपनाते भी हैं। लेकिन राज्य भी अपने यहां की संस्कृति और दूसरे बिंदुओं के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करते हैं।
नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि पूरे देश में पाठ्यक्रम की एकरुपता संभव नहीं है क्योंकि राज्य भी अपने पाठ्यक्रम तैयार करते हैं। निशंक ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान डीके सुरेश और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह बयान दिया।
Ramesh Pokhriyal in written reply to question in LS: To regulate fees&prohibit capitation fees in pvt deemed to be universities, UGC has prepared the draft UGC (fees in professional education imparted by pvt aided&unaided institutions deemed to be universities) Regulations, 2019. https://t.co/zvtbjPkcxo
— ANI (@ANI) December 2, 2019
निशंक ने कहा कि एनसीईआरटी पूरे देश के लिए पाठ्यक्रम तैयार करती है जिसे बहुत हद तक राज्य अपनाते भी हैं। लेकिन राज्य भी अपने यहां की संस्कृति और दूसरे बिंदुओं के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करते हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसे में पूरे देश में पाठ्यक्रम की एकरूपता संभव नहीं है। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा के विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।
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