यादवपुर विश्वविद्यालय में बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की, राज्यपाल परिसर में पहुंचे
विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि आंदोलनकारी छात्र राज्यपाल के सामने भी प्रदर्शन कर रहे थे और कोशिश कर रहे थे कि वह भी केंद्रीय मंत्री के साथ परिसर से चले जाएं।
कोलकाता। यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का घेराव कर काले झंडे दिखाए और उनके साथ धक्का-मुक्की की। सुप्रियो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक सेमिनार को संबोधित करने आये थे। विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि वामपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठनों-आर्ट फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सदस्यों ने शुरू में सुप्रियो को दोपहर ढाई बजे से करीब डेढ़ घंटे तक विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया। छात्र ‘बाबुल सुप्रियो वापस जाओ’ के नारे लगा रहे थे। बाद में भाजपा नेता को विश्वविद्यालय में रोककर रखा गया और छात्र उन्हें बाहर नहीं निकलने दे रहे थे।
Kolkata: West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar took Union Minister Babul Supriyo in his car from Jadhavpur University campus. Supriyo had gone there to attend an event organised by ABVP where he faced protest by SFI & AISA members who were opposing his visit. pic.twitter.com/r2gS1gm9Vs
— ANI (@ANI) September 19, 2019
Press Secy to West Bengal Governor: Governor spoke to the VC of Jadavpur University & indicated to him that it was improper for him not to have taken prompt steps in the matter, that can lead to unwholesome results.This is a very serious reflection on the law & order of the state https://t.co/yIH9DRGPAj
— ANI (@ANI) September 19, 2019
भारी सुरक्षा के बीच सेमिनार में शिरकत करने वाले सुप्रियो ने परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां राजनीति करने नहीं आया था। विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के व्यवहार से दुखी हूं, जिस तरह उन्होंने मेरे साथ धक्का-मुक्की की। उन्होंने मेरे बाल खींचे और मुझे धक्का दिया।’’छात्रों के इस तरह के बर्ताव को निंदनीय बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वे अन्य छात्रों और सेमिनार आयोजकों को उकसा कर शांति के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा करना चाह रहे थे। सुप्रियो ने यह दावा भी किया कि प्रदर्शनकारियों ने खुद को खुल्लमखुल्ला नक्सली बताकर उन्हें उकसाने का प्रयास किया। प्रदर्शन में शामिल एएफएसयू नेता देवराज देवनाथ ने कहा कि फासीवादी ताकतों को परिसर में नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा, आरएसएस और एबीवीपी को जेयू जैसे उदार संस्थान में उनकी विचारधारा का प्रसार नहीं करने देंगे।’’ एक टीवी फुटेज में देखने को मिला कि सुप्रियो प्रदर्शनकारियों से कह रहे हैं कि वे प्रदर्शन करते रहें और वह उनसे डरने वाले नहीं हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जगदीप धनखड़ घटना के बाद परिसर में पहुंच गये।
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विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि आंदोलनकारी छात्र राज्यपाल के सामने भी प्रदर्शन कर रहे थे और कोशिश कर रहे थे कि वह भी केंद्रीय मंत्री के साथ परिसर से चले जाएं। इससे पहले धनखड़ ने छात्रों द्वारा सुप्रियो के घेराव को बहुत गंभीर मामला कहा था। राज भवन के सूत्रों के अनुसार उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव से मामले में तत्काल कार्रवाई करने को कहा।सूत्रों ने बताया कि घटना के बारे में पता चलने पर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने प्रदर्शनकारी छात्रों से कारण जानने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने विश्वविद्यालय के द्वार से हटने से इनकार कर दिया। दास ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण था। मैं इस घटना पर राज्यपाल को रिपोर्ट भेजूंगा।’’ भाजपा के राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने केंद्रीय मंत्री सुप्रियो के समर्थन में ट्वीट करके प्रदर्शनकारी छात्रों की आलोचना की और उन पर विश्वविद्यालय में अशोभनीय दृश्य पैदा करने का आरोप लगाया।
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