यूपी की 13 साल की लड़की रेप का मामला दर्ज कराने गई थाने, पुलिस वाले ने कर दिया बलात्कार

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Prabhasakshi

थानाध्यक्ष पर दुष्कर्म की शिकायत करने गई किशोरी से बलात्कार का आरोप, सभी थानाकर्मियों पर कार्रवाई की।पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कथित पीड़िता की मां ने दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि उसकी बेटी पिछली 27 अप्रैल को पाली थाने में मुकदमा दर्ज कराने गई थी।

ललितपुर (उत्तर प्रदेश) ललितपुर जिले में सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने गई 13 साल की एक लड़की से थानाध्यक्ष ने कथित रूप से दुष्कर्म किया। इस मामले में आरोपी पुलिस अफसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही थाने के बाकी सभी पुलिसकर्मियों को भी लाइनहाजिर कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कथित पीड़िता की मां ने दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि उसकी बेटी पिछली 27 अप्रैल को पाली थाने में मुकदमा दर्ज कराने गई थी। इसी दौरान बयान दर्ज कराने के बहाने थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज उसे अपने कमरे में ले गया और उससे दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है।

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प्रकरण के पांच में से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार थानाध्यक्ष की तलाश की जा रही है। कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने बताया कि झांसी के पुलिस उप महानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार को मामले की जांच सौंपी गयी है। उन्हें 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पाली थानाध्यक्ष को निलंबित करने के साथ-साथ थाने के बाकी सभी पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है। लड़की की मां का आरोप है कि पिछली 22 अप्रैल को चार लोग उसकी बेटी को भोपाल ले गए थे जहां उन्होंने उसे तीन दिन तक अपनी हवस का शिकार बनाया था। उसके बाद वे उसे पाली थाने के बाहर छोड़कर भाग गए।

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लड़की जब 27 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कराने थाने गई तो थानाध्यक्ष ने भी उससे बलात्कार किया। बाद में लड़की ने स्वैच्छिक संस्था चाइल्डलाइन पहुंचकर काउंसलिंग के दौरान पूरी घटना बताई। इस पर संस्था ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जिनके हस्तक्षेप पर मंगलवार को इस मामले में बलात्कार, अपहरण और आपराधिक साजिश के आरोपों तथा पोक्सो और एससी/एसटी एक्ट की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जबकि आरोपी थानाध्यक्ष तथा अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के छह दल गठित कर उनकी तलाश की जा रही है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला किया है। सपा ने एक ट्वीट किया, ‘‘भाजपा सरकार में सबसे बड़ा सवाल ये है कि किस पर भरोसा किया जाए किस पर नहीं? ललितपुर में रेप की शिकायत करने पहुंची नाबालिग से थाने में ही एसओ ने की दरिंदगी। अब मुख्यमंत्री बताएं कि पीड़ित बेटियां जाएं तो जाएं कहां?

पीड़िता की सुरक्षा का इंतजाम कर दोषियों को मिले कठोरतम सजा।’’ पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़ित बच्ची के परिजन से मुलाकात के लिए ललितपुर रवाना हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सिलसिलेवार ट्वीट कर इस घटना पर सरकार को घेरा। प्रियंका ने कहा कि ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि ‘बुलडोजर’ के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वे शिकायत लेकर कहां जाएंगी? प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में सवाल किया कि क्या उप्र सरकार ने थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने, थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने महिला घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु रखे थे, लेकिन..... आज ललितपुर है। प्रियंका ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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