बच्चों की पढ़ाई पर UP सरकार का जोर, शोर से नहीं लगा पा रहे ध्यान तो पुलिस करेगी समाधान
अभिनय आकाश । Feb 15 2020 12:49PM
परीक्षा का वक्त चल रहा है और फरवरी-मार्च के महीने में छात्र तैयारी में जुटे होते हैं। लेकिन कभी-कभी आसपास में हो रहे शोर-शराबे से पढ़ाई में कई बार दिक्कत भी आती है। लेकिन अब छात्रों को इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है। योगी सरकार ने इसका निवारण करते हुए विज्ञापन प्रकाशित कर छात्रों को अवगत भी कराया।
पूरे भारत में 'शिक्षा-व्यवस्था' एक ज्वलंत विषय रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा और बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा से सजग रहे हैं। 'मन की बात' के जरिए शिक्षा के विस्तार पर जोर देने की बात हो या परीक्षा के डर को दूर करने की कवाय़द में प्रधानमंत्री द्वारा लिखित 'एग्जाम वॉरियर्स' नामक किताब हो या फिर छात्रों से परीक्षा पर चर्चा करना। पीएम मोदी शिक्षा और पढ़ाई को लेकर लगातार अपनी संकल्पता दर्शाते रहे हैं।
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नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे विलक्षण समझ का प्रदर्शन करते दिखाई देते थे कि राज्य के लोगों को किस किस्म की तालीम की जरूरत है। उन्होंने 'गुणोत्सव' यानी गुणों का उत्सव शुरू किया था, जो इस बात पर ध्यान देने वाली अभिनव पहल थी कि बच्चे आखिर कितना और क्या सीख रहे हैं। इसी तरह बच्चों में पढऩे की आदत डालने के लिए 'वांचे गुजरात' नामक कार्यक्रम शुरू किया गया था, जबकि प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए खेल महोत्सव की शुरुआत की गई थी। भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश जहां की शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा में नकल के पुराने कई किस्से हमें पढ़ने और सुनने को मिले हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार में आम लोगों के अच्छे दिन आए हो या नहीं लेकिन छात्रों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं।
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परीक्षा का वक्त चल रहा है और फरवरी-मार्च के महीने में छात्र तैयारी में जुटे होते हैं। लेकिन कभी-कभी आसपास में हो रहे शोर-शराबे से पढ़ाई में कई बार दिक्कत भी आती है। लेकिन अब छात्रों को इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है। योगी सरकार ने इसका निवारण किया है। जिसके लिए बकायदा विज्ञापन प्रकाशित कर छात्रों को अवगत भी कराया है कि अगर छात्र शोरगुल से परेशान हैं और पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं तो 112 नंबर पर काल करें। जिसके बाद पुलिस उनकी समस्या का समाधान करेगी। ये अपने आप में अनूठी पहल है जो यूपी सरकार ने छात्रों के लिए शुरू की है।
बता दें कि सूबे में काबिज बीजेपी सरकार लगातार शिक्षा को लेकर चौकस रही है। बीते दिनों जब राज्य में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नकल को जायज ठहराते हुए थोड़ी बहुत नकल करने में कोई दिक्कत नहीं है जैसे बयान देते नजर आते थे। तो यूपी सरकार ने नकल पर नकेल कसने के प्रयासों को लेकर सुर्खियां बटोर रही थी। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा हो या सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों ने परीक्षा में होती नकल पर लगाम कसने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। यहां तक कि नकल को लेकर एख हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया था जिन पर परीक्षा में हो रही नकल से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
इससे पहले भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस, मैगनेटिक कार्ड अटेंडेंस, लॉगिन पासवर्ड अटेंडेंस और रजिस्टर अटेंडेंस तो सबने सुना होगा। लेकिन यूपी सरकार ने सेल्फी अटेंडेंस का दौर भी शुरु कर शिक्षा को एक नई दिशा दी थी।। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सेल्फी से अटेंडेंस लगाया जा रहा है। बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूल के सात हजार से भी ज्यादा शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचने के आदेश देने के साथ ही अपनी अटेंडेंस दर्ज कराने के लिए विभाग की कक्षा से अपनी सेल्फी भेजने के निर्देश जारी किए गए थे।
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