UP की बड़ी खबरें: राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत 25.36 करोड़ रूपये स्वीकृत, जेआएफ के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

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पर्यावरण निदेशालय, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन0जी0टी0) के निर्देश पर पर्यावरणीय विषयों एवं प्रदूषण से संबंधित बिन्दुओं पर समग्र रूप से अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ”जिला पर्यावरण समिति“ का गठन किया गया है।

उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों को प्लग एण्ड प्ले सिस्टम पर उद्योग लगाने हेतु भारत सरकार ने माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्लान (एम.एस.ई.सी.डी.पी.) के तहत चार जिलों के लिए 3869.42 लाख रुपये की ग्रांट को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस धनराशि से कानपुर एवं आगरा जनपद में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना कराई जायेगी एवं फर्रूखाबाद जनपद औद्योगिक क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जायेगा। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्हांेने बताया कि उ.प्र. लघु उद्योग निगम के औद्योगिक क्षेत्र दादा नगर (कानपुर) एवं फाउण्ड्री नगर (आगरा) स्थित भूमि पर फ्लैटेट फैक्ट्री के निर्माण हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को एम.एस.ई.सी.डी.पी. योजना के अन्तर्गत ग्रान्ट प्राप्त करने हेतु भेजा गया था। प्रस्ताव में उ.प्र. लघु उद्योग निगम के दादानगर कानपुर स्थित 6071.18 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की भूमि पर 68 फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स का निर्माण प्रस्तावित किया गया था, जिसकी कुल लागत  2472.19 लाख रुपये है।

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उन्होंने बताया कि इसी प्रकार फाउन्ड्री नगर आगरा में निगम की 21079 वर्ग मीटर भूमि पर प्रथम चरण में 8812.30 वर्ग मीटर भूमि पर फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें कुल 40 फ्लैटों का निर्माण प्रस्तावित था। जिसकी कुल लागत 2641.26 लाख। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इन दोनों प्रस्तावों पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा क्रमशः 1119.00 लाख रुपये एवं 1200 लाख रुपये की ग्रान्ट केन्द्रांश के रूप में स्वीकृत की गई है। शेष धनराशि राज्य सरकार अपने संसाधनों से वहन करेगी। उन्होंने बताया कि फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स में कान्फ्रेन्स हाल, प्रदर्शन कक्ष, बैंक, कैन्टीन एवं प्रशासनिक कार्यालय की व्यवस्था होेगी। इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने जनपद फर्रुखाबाद के ठण्डी सड़क एवं जनपद लखनऊ के तालकटोरा स्थित राजकीय औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के उच्चीकरण हेतु प्रस्ताव भारत सरकार की एम.एस.ई.सी.डी.पी. योजना के अन्तर्गत प्रेषित किया गया था। भारत सरकार द्वारा ठण्डी सड़क फर्रुखाबाद हेतु 609.00 लाख रुपये एवं तालकटोरा लखनऊ हेतु 941.42 लाख के प्रस्ताव की स्वीकृति द्वारा प्रदान कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत 625 करोड़ रूपये के एकमुश्त अग्रिम भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी उप सचिव कृषि, श्री राधेश्याम ने आज यहां देते हुये बताया कि कृषि विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में औपचारिक आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। राधेश्याम ने बताया कि कृषि उत्पादन में वृद्धि करने हेतु किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत 1500 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि निर्देश दिये गये हैं कि उपलब्ध करायी जा रही धनराशि 625 करोड़ रूपये का उपभोग प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। उप सचिव ने बताया कि जारी आदेश में यह निर्देश दिये गये हैं कि योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले समस्त लाभार्थियों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर डाला जाय। साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता के दृष्टिगत समय-समय पर जारी होने वाले आदेशों का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

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राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत 25.36 करोड़ रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु केन्द्रांश की धनराशि 25 करोड़ 36 लाख 47 हजार रूपये के की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह जानकारी विशेष सचिव कृषि, श्री बृजराज सिंह यादव ने आज यहां देते हुये बताया कि कृषि विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में औपचारिक आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। विशेष सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत एकीकृत बीज विकास योजनान्तर्गत 660 लाख रूपये, कृषि विविधीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत 856.47 लाख रूपये तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से छूटे हुये 16 जनपदों में कृषि विकास कार्यक्रम हेतु 1020 लाख रूपये की धनराशि स्वीकार की गयी है। यादव ने बताया कि जारी आदेश में यह निर्देश दिये गये हैं कि योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले समस्त लाभार्थियों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर डाला जाय। साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता के दृष्टिगत समय-समय पर जारी होने वाले आदेशों का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

जिला पर्यावरण समिति में नवनियुक्त जे0आर0एफ0 के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

पर्यावरण निदेशालय, उप्र, लखनऊ द्वारा मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एन0जी0टी0) के निर्देश पर पर्यावरणीय विषयों एवं प्रदूषण से संबंधित बिन्दुओं पर समग्र रूप से अनुश्रवण हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ”जिला पर्यावरण समिति“ का गठन किया गया है। समिति के कार्यो के सुचारू संचालन हेतु 75 जूनियर रिसर्च फेलोस् (जे0आर0एफ0) आबद्ध किये गये हैं, जिनके प्रशिक्षण के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ‘‘स्थानीय निकाय निदेशालय में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज वायु प्रदूषण, खनन व अपशिष्ट प्रबन्धन पर सत्र आयोजित किये गये। यह जानकारी विशेष सचिव, पर्यावरण श्री आशीष तिवारी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि कल 16 नवम्बर को प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, अपर मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह द्वारा किया गया था। उन्होंने अपने वक्तव्य में पर्यावरण संरक्षण एवं अनुसंधान में जे0आर0एफ0 की भूमिका को रेखांकित करते हुए अनुसंधान पर विशेष बल दिया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष श्री सुनील पाण्डेय ने जे0आर0एफ0 को प्रदूषण मॉडलिंग तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुकेश कुमार ने जे0आर0एफ0 को पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपने अध्ययन एवं डाटा संकलन में अधिकाधिक सम्मिलित करने का सुझाव दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री आशीष तिवारी ने सभी सम्मानित अतिथियों, जे0आर0एफ0 तथा उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में पर्यावरणीय समस्याओं का अलग-अलग प्रकार से प्रबंधन किया जाना आवश्यक है, जिसके लिए प्रत्येक जनपद में एक जे0आर0एफ0 को नियुक्त किया गया है, जिसका कार्य पर्यावरण एवं प्रदूषण की स्थानीय समस्याओं को इंगित करना तथा उनके निवारण के लिए उपलब्ध संसाधनों व विभागांे के बीच समन्वय स्थापित करना होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्य सत्रों में विभिन्न विभागों के विषय विशेषज्ञों द्वारा पर्यावरण एवं प्रदूषण के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 75 जनपदों के लिए चयनित किए गए जे0आर0एफ0 के अतिरिक्त उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ में कार्यरत् जे0आर0एफ0, मुख्य पर्यावरण अधिकारी एवं पर्यावरण निदेशालय के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

दिव्यांग विद्यार्थी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए करें आवेदन, छात्रवृत्ति हेतु आवेदन की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर निर्धारित

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (छंजपवदंस ैबीवसंतेीपच च्वतजंस) के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु संचालित केन्द्र पोषित छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को 15 नवम्बर से बढ़ाकर 30 नवम्बर, 2021 कर दी गयी है। यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए उपलब्ध करायी गयी है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन आवेदन करने की अन्तिम तिथि 30 नवम्बर 2021 है। यह जानकारी सत्य प्रकाश पटेल, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल खुलने की तिथि 18 अगस्त, 2021 है। पोर्टल पर प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 निर्धारित की गई है। पोर्टल पर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन स्वीकार हेतु अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2021 है। छात्रवृत्ति हेतु प्राप्त आवेदनों का प्रथम स्तर पर सत्यापन हेतु अंतिम तिथि 15 दिसम्बर, 2021 है तथा इन आवेदन पत्रों के द्वितीय स्तर पर सत्यापन हेतु अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2021 निर्धारित है। छात्रवृत्ति की पात्रता की शर्तें एवं विस्तृत जानकारी भारत सरकार के सुसंगत दिशा-निर्देश में वर्णित प्रतिबंधों के अनुसार होगी। 

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उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आजीविका को मजबूती प्रदान करने के लिए फ्रंटियर मार्केट्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। फ्रंटियर मार्केट्स के साथ यूपीएसआरएलएम की साझेदारी ग्रामीण महिला उद्यमियों को सहेली के रूप में आय अर्जित करने और गरीबी दूर करने में मदद करेगी। फ्रंटियर मार्केट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म “मेरी सहेली“ के द्वारा प्रौद्योगिकी से महिलाओें को प्रशिक्षित करेगी और प्रतिवर्ष 50,000 से 60,000 की आय अर्जित करने में मदद करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विद्युत बिल कलेक्शन का कार्य कराया जा रहा। पावर कारपोरेशन को बिल कलेक्शन में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही समूह की महिलाओं को मिल रहा सुनिश्चित रोजगार। विद्युत सखियों द्वारा अभी तक 52 करोड़ रूपये के 3.85 लाख बिल जनरेट किये गये इससे उन्हें 77 लाख का कमीशन प्राप्त हुआ। प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) तथा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। साथ ही पेमेंट गेटवे हेतु एक एमओयू यूपीएसआरएलएम तथा आईसीआईसीआई बैंक के साथ किया गया। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं को आजीविका और आय उपार्जन में सहयोग देने के लिए राजस्थान के सोशल कॉमर्स स्टार्ट अप फ्रंटियर मार्केट्स के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया। इस एमओयू पर फ्रंटियर मार्केट्स के मुख्य परिचालन अधिकारी मेंहदी रिजवी और यूपीएसआरएलएम के प्रबंध निदेशक श्री भानु गोस्वामी ने हस्ताक्षर किए।

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इस मौके पर ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ ने कहा कि फ्रंटियर मार्केट्स के साथ यूपीएसआरएलएम की साझेदारी से ग्रामीण महिला उद्यमियों को सहेली के रूप में आय अर्जित करने और गरीबी दूर करने में मदद करेगी। ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका और रोजगार के अवसरों के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध इस पहल से उत्तर प्रदेश में ग्रामीण समुदायों का समग्र विकास होगा। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि यह साझेदारी महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी और कार्यान्वयन सहायता के साथ संस्थान और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के माध्यम से वित्तीय स्वतंत्रता में तेजी लाएगी और ग्रामीण उत्पादों और सेवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी की सुविधा प्रदान करेगी। सिंह ने कहा,‘‘फ्रंटियर मार्केट्स के साथ आज हुआ यह समझौता राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे राज्य की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार में मदद मिलेगी, जिससे उनके आर्थिक विकास में बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य की आय में और वृद्धि होगी तथा वंचितों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।’’

अपर मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य 2,000 ग्रामीण महिलाओं को फ्रंटियर मार्केट्स सहेलियों के रूप में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के साथ जोड़ना है और उन्हें फ्रंटियर मार्केट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म “मेरी सहेली“ के माध्यम से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रशिक्षित करना और प्रतिवर्ष 50,000 से 60,000 की आय अर्जित करने में मदद करना है। वित्तीय लेन-देनके कार्य में प्रशिक्षित एसएचजी के हिस्से के रूप में बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट सखी (बीसी) का लाभ उठाते हुए, उन्हें सेल्स लीड और डेटा संग्रह जेनरेट करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। तकनीक की जानकारी रखने वाली ये महिला उद्यमी आसपास के इलाकों में सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में भी सहयोग करेंगी। मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उ0प्र0राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से विद्युत बिल कलेक्शन का कार्य कराया जा रहा है, जिससे एक ओर पावर कारपोरेशन को बिल कलेक्शन में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर समूह की महिलाओं को सुनिश्चित रोजगार प्राप्त हो रहा है। विद्युत बिल कलेक्शन के कार्य के लिए समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कर बिल कलेक्शन का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिल कलेक्शन के कार्य के लिए प्रदेश के 75 जनपदों के 826 विकासखंडों को 15521 क्लस्टर में बांटा गया है। प्रत्येक क्लस्टर में एक विद्युत सखी का चयन किया गया है। इन विद्युत सखियों द्वारा विद्युत विभाग के थर्मल प्रिंटर पर बिल क्लेक्शन का कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरान्त विद्युत सखियों द्वारा बिल कलेक्शन पर प्रति बिल 20 रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 12 रूपये प्रति बिल कमीशन के रूप में प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा इन विद्युत सखियों द्वारा अभी तक 52 करोड़ रूपये के 3.85 लाख बिल जेनरेट किये गये हैं, जिससे समूह के सदस्यों को 77 लाख का कमीशन प्राप्त हुआ है।

 यूपीएसआरएलएम के प्रबंध निदेशक, श्री भानु गोस्वामी ने कहा, ‘‘राज्य के निरंतर विकास के लिए हम महिला सशक्तिकरण के माध्यम से गरीबी घटाने और गुणवत्तापूर्ण जीवन की चुनौती को दूर कर रहे हैं। फ्रंटियर मार्केट्स के साथ यह साझेदारी उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए स्थायी वित्तीय स्वतंत्रता और समावेशन को सुनिश्चित करेगी।’’साझेदारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फ्रंटियर मार्केट्स की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजैता शाह ने कहा, ‘‘हम 10 लाख सहेलियों को जोड़ने के मिशन पर हैं और यह साझेदारी देश में महिला उद्यमिता और आर्थिक विकास को मजबूत करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयासों को दर्शाती है। ग्रामीण महिलाएं परिवर्तन और विकास को बढ़ावा देने वाले समुदाय की विश्वसनीय प्रेरक हैं और इस विस्तार के माध्यम से हम अपने जेंडर केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आजीविका बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’शाह ने कहा कि अपने जेंडर और डिजिटल समावेशी दृष्टिकोण के साथ फ्रंटियर मार्केट्स ग्रामीण ग्राहकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्राहक अंतर्दृष्टि का लाभ उठाकर, ग्रामीण भारत की आवाज को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, साथ ही, समान समुदायों में महिलाओं के लिए आर्थिक लाभ भी पैदा करता है। यूपीएसआरएलएम के साथ इस साझेदारी के तहत दोनों पक्ष कार्यशालाओं के माध्यम से सहेलियों की क्षमता का निर्माण करने के लिए स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ साझेदारी करेंगे और उन्हें वित्तीय रूप से स्वतंत्र उद्यमी के तौर पर सशक्त बनाने के लिए मार्केटिंग, बिक्री, डिजिटल टूल, उत्पादों और संचार कौशल की दुनिया के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि फ्रंटियर मार्केट्स, एक बहु-एसडीजी प्लेटफॉर्म है, जो प्रौद्योगिकी और महिला उद्यमियों के माध्यम से ग्रामीण ग्राहकों को समाधान से जोड़ता है। यह सरल जीवन सहेलियां नाम से 10,000 से अधिक महिला उद्यमियों का मजबूत नेटवर्क, समुदाय के भरोसेमंद प्रेरक के तौर पर अपनी सामाजिक पूंजी और मजबूत नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अपने पड़ोसियों को ‘‘मेरी सहेली’’ ऐप के माध्यम से ऑनलाइन-ऑफलाइन स्टोर का अनुभव प्राप्त करने के लिए आमंत्रित करती है। कंपनी ने अपने तकनीकी सक्षम प्लेटफॉर्म “मेरी सहेली“ के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में “सरल जीवन- आसान जीवन‘‘ की अवधारणा पेश की है।

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