उपेंद्र कुशवाहा बोले- CBI की छापेमारी का समय प्रतिशोध के आरोपों की पुष्टि करता है

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कुशवाहा जो खुद एक पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं, ने हालांकि सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने की मांगों पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि यह राज्य की नीतीश कुमार सरकार का काम है।

पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि जिस पृष्ठभूमि में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने छापे मारे हैं, उससे केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के इशारे पर राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों की पुष्टि होती है। कुशवाहा जो खुद एक पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं, ने हालांकि सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने की मांगों पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि यह राज्य की नीतीश कुमार सरकार का काम है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी मांग पर एक बयान राज्य सरकार की ओर से आना चाहिए। राजनीतिक दल सुझाव दे सकते हैं, लेकिन कार्रवाई सरकार द्वारा ही की जानी है।’’ वह राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के कई नेताओं द्वारा सहमति वापस लेने की मांग पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं।हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों से सहमत हैं,तो कुशवाहा ने सकारात्मक जवाब दिया। 

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उन्होंने कहा, ‘‘इन आरोपों की पुष्टि इस तरह के छापे के समय से होती है। जरा पिछले हफ्ते (राजद के कई नेताओं के परिसरों पर) छापेमारी पर नजर डालें। ये उस दिन किए गए थे जब बिहार में नई सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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