उत्तराखंड, अरुणाचल घटनाक्रम कांग्रेस का आंतरिक संकटः केंद्र

[email protected] । Jul 19 2016 4:38PM

राजनाथ सिंह ने कहा कि अरुणाचल और उत्तराखंड में जो हुआ उसमें भाजपा की भूमिका नहीं है बल्कि कांग्रेस के आंतरिक संकट के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जहां वह पार्टी खुद ही टूट रही है।

उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश समेत कुछ गैर राजग शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने एवं गिराने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है बल्कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक संकट के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो रही है जहां वह पार्टी खुद ही टूट रही है। राजनाथ ने कहा कि चुनी हुई लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने की आदत कांग्रेस पार्टी की रही है और आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी ने 105 बार लोकप्रिय एवं चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराने का काम किया है।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा इस विषय को उठाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। किसी भी राज्य सरकार को अस्थिर करना स्वस्थ परंपरा नहीं है, ऐसे कार्य स्वस्थ्य परंपरा के खिलाफ है। उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण हालात कांग्रेस के आंतरिक संकट के कारण पैदा हुए। इससे भाजपा का कोई लेना देना नहीं है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद टूट गई, इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, 'अगर नाव में छेद हो तब छेद वाली नाव को पानी में नहीं उतारना चाहिए, नहीं तो वह डूब जायेगी। इसके लिए पानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।’’ गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

इससे पहले इस विषय को उठाते हुए सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सरकार का काम लोकतंत्र और संविधान की दृष्टि से सारे देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों की हिफाजत करना है और सरकार को इस ओर ध्यान देकर कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा लगता है कि इन्होंने (केंद्र की राजग सरकार ने) ठान लिया है कि देश को कांग्रेस मुक्त बनाने के नारे पर किसी भी तरह से आगे बढ़ेंगे। इन्हें जिस जगह भी अवसर मिलता है, वे उस राज्य सरकार को अस्थिर करने में लग जाते हैं। खडगे ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन्होंने (केंद्र सरकार) ऐसा ही किया और मणिपुर एवं हिमाचल प्रदेश में इनके प्रयास सफल नहीं हुए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार पिछले दरवाजे से राज्यों में सत्ता पर काबिज होना चाहती है। ये चीजें लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 13 जुलाई को ऐतिहासिक फैसला दिया और और अरुणाचल प्रदेश में पिछली सरकार को बहाल किया। इस फैसले को सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा और हम उम्मीद करते हैं कि अब आगे शायद यह सरकार ऐसा कदम नहीं उठायेगी। खडगे ने कहा कि जब आप (केंद्र) ऐसी हरकते करेंगे तब न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है। क्योंकि यहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है, दो तिहाई बहुमत प्राप्त सरकारों को गिराया जा रहा है।

इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस विषय पर पीके थामस, मल्लिकार्जुन खडगे, केसी वेणुगोपाल, जय प्रकाश नारायण यादव, अधीर रंजन चौधरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा हमारे ऊपर लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने के बारे में जो आरोप लगाये गए हैं, वे सही नहीं हैं। लोकप्रिय एवं चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना या भंग करना हमारी सरकार का स्वभाव नहीं रहा है। यह आदत कांग्रेस की रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जब विधानसभा का सत्र चल रहा था तब कांग्रेस के नौ सदस्यों ने अपनी ही सरकार का विरोध किया था और पार्टी टूट गई। अरुणाचल प्रदेश में भी पार्टी के सदस्य अलग हुए और फिर सरकार बनाई। यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक संकट है जिसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।

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