राजस्थान में एक फरवरी से सुविधाओं के उपयोग के लिए टीकाकरण अनिवार्य : गहलोत

Ashok Gehlot

गहलोत ने शुक्रवार को संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला प्रशासन लोगों को टीकाकरण और मास्क पहनने के लिए जागरूक करें।

जयपुर|  राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने के बीच राजस्थान सरकार ने कोरोना बचाव टीकाकरण अनिवार्य करने का फैसला किया है।

इसके तहत एक फरवरी 2022 से विभिन्न स्थानों पर प्रवेश व विभिन्न सुविधाओं के उपयोग के लिए टीकाकरण अनिवार्य किया जाएगा। इसके साथ ही जनवरी के प्रथम सप्ताह से मास्क न लगाने पर कानून के अनुरूप फिर सख्ती की जाएगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से नियम कायदों एवं रात्रिकालीन कर्फ्यू का पालन करने करने की अपील की है और केंद्र सरकार से बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर शीघ्र निर्णय करने को कहा है।

गहलोत ने शुक्रवार को संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला प्रशासन लोगों को टीकाकरण और मास्क पहनने के लिए जागरूक करें।

उन्होंने कहा, राज्य में 1 फरवरी, 2022 से विभिन्न स्थानों पर प्रवेश व विभिन्न सुविधाओं के उपयोग हेतु टीकाकरण अनिवार्य किया जाएगा व जनवरी के प्रथम सप्ताह से मास्क न लगाने पर कानून के अनुरूप फिर सख्ती की जाएगी। इससे पहले गहलोत ने एक और समीक्षा बैठक की।

समें उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप तेजी से फैल रहा है और देश के कई राज्यों में भी इसके मामले सामने आने के कारण वापस सख्ती बरतना शुरू कर दिया गया है, ऐसे में राज्य के लोग कोरोना संबंधी दिशा निर्देशों व रात्रिकालीन कर्फ्यू की प्रभावी पालना करें, अन्यथा राज्य सरकार सख्त कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना बचाव टीकाकरण शीघ्र अनिवार्य किया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुछ दिनों तक अभियान चलाकर आमजन को मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया जाए और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर सख्ती बरतें।

साथ ही, चिकित्सा विभाग चिन्हित जगहों पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाए, जिससे संक्रमित व्यक्तियों की शीघ्र पहचान हो सके। बैठक में गहलोत ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से बचाव के लिए जरूरी है कि निर्धारित आयु समूह का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो। साथ ही, जिन्हें दोनों खुराक लग चुकी है उन्हें बूस्टर खुराक लगे।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बूस्टर डोज के संबंध में अपनी सहमति व्यक्त की है और ऐसे में केंद्र सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेकर देशभर में बूस्टर डोज लगाना प्रारंभ करे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 60 साल से ऊपर के लोगों व फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर खुराक लगाने पर गंभीरता से विचार करे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य सरकार आग्रह करेगी कि पात्र व्यक्तियों को बूस्टर डोज लगे और बच्चों के लिए भी टीकाकरण शुरू किया जाए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई भी टीका लगवाने से मना न करे। टीकाकरण अनिवार्य करने के लिए शीघ्र दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 31 जनवरी, 2022 तक सभी दूसरी खुराक आवश्यक रूप से लगवाएं और जिला कलेक्टर शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें। इसी बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि विभाग द्वारा एक विशेष अभियान चलाकर पात्र व्यक्तियों का सम्पूर्ण टीकाकरण किया जाएगा।

गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन द्वारा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सख्ती बरती जाए। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार भी मौजूद थे।

चिकित्सा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया नेबताया कि दिसंबर माह में अब तक खुराक की 95 लाख डोज लगाई जा चुकी है। राजस्थान की 88.50 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को पहली खुराक तथा 71.50 प्रतिशत को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में ओमिक्रॉन प्रकार के 22 संक्रमित मिले हैं। इस बीच राज्य में एक और संक्रमित की मौत से राज्य में इस घातक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 8962 हो गई है।

बीते चौबीस घंटे में राज्य में 42 और संक्रमित मिले और राज्य में इस समय 244 संक्रमित उपाचाराधीन हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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