अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित की गई

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[email protected] । Aug 19 2018 4:32PM

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां देश भर की कई नदियों में विसर्जित की जाएंगी और इसकी शुरुआत आज हरिद्वार में गंगा नदी में उनकी अस्थियों के विसर्जन के साथ होगी।

हरिद्वार। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां उन्हें अंतिम विदाई देने उमडे़ भारी जनसैलाब के 'अटल बिहारी अमर रहें' और 'वंदे मातरम' के गगनभेदी नारों के बीच उनके परिजनों द्वारा आज यहां गंगा नदी में विसर्जित कर दी गयीं। दिवंगत नेता की अस्थियों का कलश लेकर उनकी पुत्री नमिता, दामाद रंजन भट्टाचार्य और नातिन निहारिका यहां हर की पैड़ी पर स्थित ब्रह्मकुंड पहुंचे जहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत उनकी अस्थियों को गंगा नदी में प्रवाहित किया। अस्थि कलश विसर्जन संस्कार तीर्थपुरोहित पंडित अखिलेश शास्त्री और उनके सहयोगियों ने संपन्न कराया। अस्थि विसर्जन के बाद नमिता हाथ जोड़कर नम आंखों से काफी देर तक गंगा की लहरों को देखती रहीं और उन्हें रंजन भट्टाचार्य ने संभाला। 

इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट तथा हरिद्वार से भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे ।अपने प्रिय नेता वाजपेयी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम का साक्षी बनने और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हर की पैड़ी पर खास लोगों के साथ ही आम लोगों का भी सैलाब उमड़ पड़ा। इससे पहले, वाजपेयी के अस्थि अवशेष फूलों से सजे सेना के वाहन में रखकर भल्ला कालेज मैदान से हर की पैड़ी तक लाये गये। इस वाहन पर एक ओर भाजपा अध्यक्ष शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार से भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक थे और दूसरी तरफ वाजपेयी के परिजन और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह थे। 

प्रदेश के रावत मंत्रिमंडल के सदस्य और भाजपा के अन्य बडे़ नेता एक अन्य वाहन में सवार हुए। देवपुरा, रेलवे रोड, शिव मूर्ति, अपर रोड होती हुई हर की पैड़ी पहुंची करीब दो—ढाई किलोमीटर की यात्रा में सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में मौजूद लोग अपने प्रिय नेता के अस्थि कलश पर लगातार पुष्पवर्षा करते रहे। सड़क के किनारे स्थित मकानों की छतों और इमारतों पर भी लोग अस्थिकलश यात्रा को देखने के लिए घंटों चिलचिलाती धूप में खडे़ रहे। रास्ते भर 'अटल बिहारी अमर रहें' 'जब तक सूरज चांद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा' के नारे गूंजते रहे। दिवंगत नेता के अस्थि विसर्जन से पहले हर की पैड़ी पर बने एक विशेष मंच पर उनके अस्थि कलश पर उनके परिजनों के अलावा भाजपा अध्यक्ष शाह, केंद्रीय गृह मंत्री सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फूल चढ़ाकर उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दी। 

इससे पहले, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के संत चिदानंद मुनि ने भल्ला कालेज मैदान में अस्थि कलश पर पुष्प चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि दी। हांलांकि, दिवंगत नेता की अस्थि कलश यात्रा शुरू करने के स्थान को लेकर प्रदेश के दो कद्दावर मंत्रियों—पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और नगर विकास मंत्री मदन कौशिक— के बीच कुछ खींचतान हुई। सतपाल महाराज जहां अपने प्रेमनगर आश्रम से यात्रा की शुरूआत करना चाहते थे वहीं कौशिक शांतिकुंज से इसे शुरू करने पर जोर दे रहे थे। बहरहाल, बीच का रास्ता निकालते हुए पार्टी ने भल्ला कालेज मैदान से यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया।

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