अफजल गुरु का अधूरा काम पूरा करने की सोच शर्मनाक और मूर्खतापूर्ण है: नायडू

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[email protected] । Aug 8 2019 3:31PM

देश के उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जब (13 दिसंबर 2001 को) संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था, तब मैं भी वहीं था।

इंदौर। देश के उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ लोगों की अफजल गुरु का अधूरा काम पूरा करने की सोच शर्मनाक और मूर्खता से भरी है, क्योंकि अफजल गुरु ने भारतीय संसद को बम धमाके से उड़ाकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने का षड़यंत्र रचा था। नायडू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा,  जब (13 दिसंबर 2001 को) संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था, तब मैं भी वहीं था। हम लोग बच गये। कुछ लोग कह रहे हैं कि वे अफजल गुरु का अधूरा काम वे पूरा करेंगे। यानी इन लोगों के इरादे संसद भवन को बम से उड़ाकर भारत में लोकतंत्र को समाप्त करने के हैं। यह कितनी बेवकूफी भरी सोच है।  

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उन्होंने कहा कि देश के 920 विश्वविद्यालयों में से कुछेक विश्वविद्यालय ही गलत कारणों के चलते खबरों में आते हैं। (इन विश्वविद्यालयों में) कुछ विवाद सामने आते हैं। कुछ लोगों द्वारा कहा जाता है कि अफजल गुरु का छोड़ा अधूरा काम वे पूरा करेंगे। संसद भवन पर 2001 में आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले के मुख्य दोषी अफजल गुरू को 9 फ़रवरी 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। देश की एकता और अखंडता को सर्वोपरि बताते हुए नायडू ने कहा कि भारत हमारा देश है। अगर कश्मीर में कुछ चल रहा है, तो हम इससे चिंतित हैं। कन्याकुमारी में कुछ चल रहा है, तो हम सबको इससे चिंतित होना चाहिये। देश की एकता और अखंडता हमारे लिये सर्वोपरि है। 

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