राम मंदिर निर्माण लिए दिल्ली में हो रही VHP की धर्मसभा में उमड़ा जनसैलाब
संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद की रैली में रविवार को हजारों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग के साथ रामलीला मैदान में जुटे।
नयी दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद की रैली में रविवार को हजारों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग के साथ रामलीला मैदान में जुटे। विश्व हिंदू परिषद ने बताया कि इस रैली को आरएसएस के कार्यकारी प्रमुख सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी संबोधित करंगे। इस रैली के माध्यम से विहिप यह मांग कर रही है कि अगर जरूरत पड़े तो केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाना चाहिए। जोशी के अलावा विहिप अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे और इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार भी इस रैली को संबोधित कर सकते हैं।
यातायात पुलिस ने रैली को देखते हुए मार्ग परिवर्तन का परामर्श जारी किया है। परामर्श में कहा गया है कि रंजीत सिंह फ्लाईओवर (गुरु नानक चौक से बाराखम्बा रोड), जेएलएन मार्ग (राजघाट से दिल्ली गेट) और वीआईपी गेट चमन लाल मार्ग पर गाड़ियों के आवागमन की अनुमति नहीं है। रामलीला मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और ऊंची जगहों पर स्नाइपर तैनात किए गए हैं।
यहां देखें वीडियो-
#Delhi right now. #RamMandir #RamLilaMaidan pic.twitter.com/qads1Qxznt
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) December 9, 2018
लड़ना नही अब अड़ना है..
— Himanshu Goel “रामसेवक” (@HimanshuGoelG) December 9, 2018
मंदिर भव्य बनना है।।।
जय श्री राम#RamMandir #जय_श्री_राम pic.twitter.com/p1vHVNJwPR
Historic #DHARMASABHA is happening today at Ramlila Maidan in Delhi. Lakhs of Rambhakts have gathered
— Dr Shobha (@DrShobha) December 9, 2018
*LIVE VIDEO LINK* from Dharma Sabha : https://t.co/N4BfdypwOL#JaiShriRam pic.twitter.com/Q2G6HEn0EJ
इस रैली को सफल बनाने के लिए विहिप ने लोगों के घर-घर जाकर प्रचार अभियान चलाया। विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘‘ राम मंदिर के निर्माण के लिए जो लोग विधेयक लाने के पक्ष में नहीं हैं, यह रैली उन लोगों का हृदय परिवर्तन करेगी।' संगठन ने मंदिर निर्माण के अपने पूर्व चरण के दौर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्य के राज्यपालों से मुलाकात की थी।
आने वाले चरण में वे मंदिरों और मठों में धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थना करेंगे।' यह अभियान प्रयाग में साधु-संतों की ‘ धर्म संसद’ के साथ संपन्न होगा। अंतिम ‘धर्म संसद’ 31 जनवरी और एक फरवरी को आयोजित होगी। संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है।
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