डेरा समर्थकों का सड़कों पर उत्पात, हिंसा में 30 लोग मारे गये

Violence in the Panchkula after court verdict against dera chief
[email protected] । Aug 25 2017 11:09PM

गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 के बलात्कार के एक मामले में आज दोषी करार दिया जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा में उनके समर्थकों ने व्यापक हिंसा और आगजनी की और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने गोली चलाई।

पंचकूला। शहर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने आज स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 के बलात्कार के एक मामले में आज दोषी करार दिया जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा में उनके समर्थकों ने व्यापक हिंसा और आगजनी की और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने गोली चलाई। हिंसा में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गयी और 250 लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने कहा कि चारों तरफ जमकर तबाही मचायी गयी। कई जगह आगजनी की गयी।

इस बीच, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज की हिंसा मामले को लेकर दाखिल की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रशासन को निर्देश दिया कि डेरा प्रमुख की सारी संपत्ति जब्त की जाये और उसे बेचकर नुकसान की भरपाई की जाये।

इससे पहले, सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के 50 वर्षीय प्रमुख राम रहीम को 2002 में एक अनाम लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए मामले में बलात्कार का दोषी करार दिया। शिकायत में उन पर दो महिला अनुयायियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के आधार पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर उनके खिलाफ दिसंबर, 2002 में मामला दर्ज किया गया था। स्वयंभू गुरु गुरमीत राम रहीम सिंह को आज एक अदालत द्वारा बलात्कार का दोषी करार दिये जाने के दो घंटे के अंदर उनके हजारों समर्थकों ने उपद्रव शुरू कर दिया और वाहनों, इमारतों और रेलवे स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया। उन्हें इस मामले में कैद की सजा सुनाई जा सकती है जो सात साल से कम नहीं होगी। इसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है।

पुलिस ने हिंसा पर रोकथाम के लिए हवाई गोलीबारी की, प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। पंचकूला के बाहर हरियाणा, पंजाब और यहां तक कि राजस्थान के कुछ इलाकों में हिंसा फैलने की खबरें आ रही हैं। पुलिस ने कहा कि पूर्वोत्तर दिल्ली के लोनी चौक में कथित तौर पर डेरा सच्चा सौदा समर्थकों ने बस में आग लगा दी। पंचकूला के सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेद भादू ने कहा, ‘‘17 लोगों की मौत हो गयी और कम से कम 200 लोग घायल हो गये।’’ अधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में भी मौत के सात मामले दर्ज किये गये हैं। चार लोगों की मौत के मामले चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज से सामने आये हैं। भादू ने कहा कि अधिकतर लोग गोली लगने की वजह से मारे गये। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने यहां सेक्टर छह में सिविल अस्पताल का दौरा किया और कहा कि एक हजार से अधिक डेरा समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया है।

संधू ने बताया, ‘‘पंचकूला से डेरा समर्थकों को निकाल दिया गया है वहीं एक हजार से अधिक समर्थकों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि यहां हालात काबू में हैं। बड़ी संख्या में एंबुलेंसों में बहुत से घायलों को यहां सिविल अस्पताल और पीजीआईएमईआर अस्पताल लाते हुए देखा गया। पंचकूला में कर्फ्यू लगा दिया गया जहां आज अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया। नयी दिल्ली और लखनऊ सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। सिरसा और कैथल में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू का प्रदर्शनकारियों पर हालांकि ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया जिन्होंने पंजाब के मलौट और बलुआना रेलवे स्टेशनों में भी आग लगा दी। कई मोटरसाइकिलों, कारों और इमारतों को भी आग के हवाले कर दिया गया जिनमें पंजाब के मानसा में आयकर भवन शामिल है।

उधर डेरा सच्चा सौदा ने विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। पंचकुला में सेना के छह कॉलम तैनात किये गये हैं जिनमें कुल 500 से 600 जवान हैं। पंजाब में खासतौर पर मालवा क्षेत्र में हालात बिगड़ रहे हैं जो डेरा सच्चा सौदा के प्रभाव वाला इलाका है। निजी टीवी समाचार चैनलों की कम से कम तीन ओबी वैन में भी तोड़फोड़ की गयी। भीड़ ने दो वैन पलट दीं। इंडिया टुडे समूह के टीवी चैनल ने अपने संवाददाता और कैमरामैन पर हमले की तस्वीरें दिखाईं। वे वैन में बैठकर सिरसा जा रहे थे। लोग डंडों से वैन की खिड़की के कांच तोड़ते देखे गये। वैन में सवार एक व्यक्ति के चेहरे पर खून के निशान देखे गये। सिरसा में राम रहीम के समर्थक राजेश ने कहा, ‘‘हम उन्हें दोषी करार दिये जाने के फैसले की उम्मीद नहीं कर रहे थे। बाबा ने हमारे लिए बहुत मेहनत की है। लड़ाई अभी शुरू हुई है।’’ सिरसा की सड़कों पर महिला समर्थकों को लाठियां लेकर घूमते हुए देखा गया। राम रहीम सुबह करीब नौ बजे सड़क मार्ग से सिरसा स्थित डेरा के मुख्यालय से निकले और पांच घंटे से ज्यादा समय बाद चंडीगढ़ के उपनगरीय इलाके पंचकूला की अदालत में पहुंचे। सिरसा चंडीगढ़ से करीब 260 किलोमीटर दूर है। पंचकूला स्थित सीबीआई अदालत परिसर में सेनाकर्मी और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था और परिसर से लगे इलाकों को सील कर दिया गया था। 

‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त डेरा प्रमुख गाड़ियों के एक काफिले में पंचकूला पहुंचे जिसमें कई एसयूवी वाहन शामिल थे। राम रहीम के सिरसा स्थित मुख्यालय से रवाना होने के साथ सड़क किनारे खड़े उनके कुछ अनुयायी उग्र हो गए और काफिले को कुछ मिनटों के लिए आगे बढ़ने से रोक दिया। अनुयायी काफिले के सामने सड़कों पर बैठ गए। इन अनुयायियों में अधिकतर युवक थे। हालांकि पुलिस ने तत्काल उन्हें वहां से हटाया जिसके बाद राम रहीम पंचकूला के लिए आगे की यात्रा पर रवाना हुए। काफिले में राम रहीम के साथ उनके कई निजी सुरक्षाकर्मी शामिल थे। फैसले के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और तेजी से वहां से दूर ले जाया गया। सिरसा और पंचकूला में अजीब सी शांति थी जो फैसला आते ही डेरा समर्थकों के उत्पात मचाने के साथ हिंसा के रूप में फट पड़ी। उन्होंने मीडिया कर्मियों और उनके वाहनों पर हमले किए। वहां पुलिस साफ तौर पर हिंसा को रोकने में असहाय सी लगी, इससे उत्साहित प्रदर्शनकारियों ने वाहनों और इमारतों में आगजनी की। इन इमारतों में पंजाब के दो रेलवे स्टेशन शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालात का जायजा लिया। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बात की। किर्गिज गणराज्य से आज यहां पहुंचे राजनाथ सिंह हवाई अड्डे से सीधे नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने दफ्तर पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्रियों को शांति बहाली के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सिंह ने शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर हालात का जायजा लिया। अधिकारी के मुताबिक गृह मंत्री ने केंद्रीय एजेंसियों को हालात पर नजर रखने और नियमित रूप से स्थिति से अवगत कराने को कहा। कुछ दिन पहले ही हजारों डेरा अनुयायी पंचकूला में जमा हो गए थे जिस कारण हिंसा की आशंका थी। बहुत सारे अनुयायियों ने सिरसा में भी शिविर लगा लिए जहां अधिकारियों ने गुरुवार रात दस बजे से कर्फ्यू लगा दिया।

डेरा समर्थकों ने अपने तंबू लगाने के लिए उद्यानों, सड़कों और फ्लाईओवर के नीचे की जगहों सहित दूसरे उपलब्ध स्थलों का इस्तेमाल किया। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जिला अदालत परिसर की तरफ जाने वाला रास्ता सील कर दिया था और उस रास्ते पर किसी को भी जाने की मंजूरी नहीं दी जा रही थी। सीबीआई ने बलात्कार का मामला दर्ज किए जाने के करीब पांच साल बाद जुलाई, 2007 में अम्बाला की एक अदालत में डेरा प्रमुख के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। आरोपपत्र में 1999 से 2001 के बीच दो साध्वियों के यौन उत्पीड़न का उल्लेख किया गया था। विशेष सीबीआई अदालत ने सितंबर, 2008 में राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए थे।

2009 से 2010 के बीच दो शिकायतकर्ताओं ने अदालत के सामने बयान दर्ज कराए थे। अप्रैल, 2011 में विशेष सीबीआई अदालत का अम्बाला से पंचकूला स्थानातंरण कर दिया गया। डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला भी पंचकूला सीबीआई अदालत में पहुंचा। जुलाई, 2017 में विशेष सीबीआई अदालत ने रोजाना सुनवाई का आदेश दिया। 17 अगस्त, 2017 को अभियोजन और बचाव पक्षों की बहस पूरी हुई।

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